बेटी पैदा होते ही ऋचा चड्डा के दिमाग में आया था अटपटा ख्याल, बोलीं- ‘हम भारत में रहते हैं, बंदूक खरीदनी पड़ेगी’

बेटी पैदा होते ही ऋचा चड्डा के दिमाग में आया था अटपटा ख्याल, बोलीं- ‘हम भारत में रहते हैं, बंदूक खरीदनी पड़ेगी’

जुलाई 2024 में एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने अपनी बेटी जुनेरा इदा फजल का इस दुनिया में स्वागत किया। यह उनके और उनके परिवार के लिए अपार ख़ुशियाँ लेकर आया, लेकिन इसके साथ ही एक नई जिम्मेदारी और कई तरह की भावनाएं भी जुड़ी थीं। 16 जुलाई 2025 को जुनेरा ने अपना पहला जन्मदिन मनाया और इस खास मौके पर ऋचा ने न सिर्फ इस एक साल की अपनी यात्रा को याद किया, बल्कि उस मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक बदलाव को भी साझा किया, जिससे वह गुजरीं।

शुरुआती डर और उलझन

लिली सिंह के साथ एक बातचीत में ऋचा ने बेहद ईमानदारी से स्वीकार किया कि जब उन्हें पहली बार पता चला कि वह मां बनने वाली हैं तो उनकी पहली भावना डर की थी। उन्होंने कहा, ‘मैं डरी हुई थी। इस वक्त दुनिया एक अजीब दौर से गुजर रही है, क्लाइमेट चेंज, युद्ध, सामाजिक असमानताएं। ऐसे में बच्चे को इस दुनिया में लाना क्या वाकई समझदारी है?’ ऋचा ने बताया कि कैसे मां बनने का विचार उनके लिए रोमांचक होने के साथ-साथ बेहद चुनौतीपूर्ण भी था। उन्होंने अपनी स्वतंत्र जीवनशैली का जिक्र करते हुए कहा कि बच्चे के जन्म के बाद सबकुछ रातोंरात बदल गया। उन्होंने बताया, ‘शुरुआती छह महीने तक एक बच्चे की पूरी देखभाल करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। मैं सोच रही थी कि क्या मेरी अपनी जिंदगी अब पूरी तरह बदल जाएगी?’

यहां देखें पोस्ट

 

 

डर से संकल्प तक की यात्रा

हालांकि शुरुआत में ऋचा को घबराहट थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, उन्होंने अपनी चिंता को दृढ़ संकल्प में बदल दिया। एक हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने कहा, ‘मैं सोच रही थी कि भारत में रहते हुए शायद मुझे अब बंदूक लेनी पड़ेगी, ताकि अपनी बेटी की सुरक्षा कर सकूं।’ फिर उन्होंने खुद को संभाला और कहा, ‘नहीं, हम उसे मजबूत बनाएंगे। बिल्कुल हमारी तरह या हमसे भी ज्यादा।’

एक साल का सफर, एक नई पहचान

जुनेरा के पहले जन्मदिन पर ऋचा ने इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक रील वीडियो पोस्ट की, जिसमें उनकी गर्भावस्था, डिलीवरी और जुनेरा के साथ बिताए शुरुआती महीनों की झलकियां थीं। इस वीडियो में मां बनने के हर पल की खूबसूरती और गहराई को बेहद निजी और संवेदनशील तरीके से साझा किया गया। उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘एक साल पहले, ब्रीच कैंडी अस्पताल में मैंने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। प्रसव पीड़ा कुछ घंटे चली, लेकिन डिलीवरी सिर्फ 20 मिनट में हो गई, प्राकृतिक जन्म! उस दिन के बाद से मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। मेरा शरीर, मेरा मन, मेरा दिल, मेरी आत्मा, सब कुछ जैसे नया हो गया। जुनेरा का जन्म सिर्फ उसका नहीं था, मेरा भी था। मैं एक मां के रूप में फिर से जन्मी हूं। एक नया रूप, पहले से कहीं ज्यादा पूर्ण।’


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *