अरविंद केजरीवाल ने खटखटाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा, ट्रायल कोर्ट के संज्ञान के आदेश को दी चुनौती
याचिका में तर्क दिया गया कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने आदेश में पीएमएलए की धारा 3 के तहत अपराध का संज्ञान लेने में गलती की, जो पीएमएलए की धारा 4 के तहत दंडनीय है। याचिकाकर्ता के अभियोजन के लिए सीआरपीसी की धारा 197 (1) के तहत पहले मंजूरी नहीं ली गई थी। अपराध के समय अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे।
HC ने ईडी से मांगा जवाब
अरविंद केजरीवाल फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जुड़े दोनों मामलों में जमानत पर बाहर हैं। यह मामले दिल्ली की आबकारी नीति (2021-22) से संबंधित हैं, जो अब खत्म हो चुकी है।
ईडी ने क्या आरोप लगाए
ईडी ने आगे आरोप लगाया कि “घोटाले” में 6 फीसद रिश्वत के बदले में निजी संस्थाओं को 12 प्रतिशत मार्जिन के साथ थोक शराब वितरण अधिकार दिए गए थे। इसके अतिरिक्त, आप नेताओं पर 2022 की शुरुआत में पंजाब और गोवा में चुनावों के नतीजों को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया था।