रामलीला के कलाकारो ने सीता हरण प्रसंग का मनोहर व भावपूर्ण मंचन किया

नकुड 15 अप्रैल इंद्रेश नगर में चल रही रामलीला मे कलाकारो ने मारीच वध व सीता हरण प्रसंगो का भावपूर्ण मंचन कर दर्शको को भावविभोर कर दिया। भगवान राम ने शबरी के झूठे बेर खाये तो पांडाल मे तालिया ंबज उठी।

रावण ने सुर्पनखा के अपमान व खरदुषण का वध का बदल लेने के लिये मारीच से सहयोग मांगा। मारीच छल सोने का हिरण बनकर पंचवटी के आसपास मंडराने लगा तो सीताजी ने भगवान राम को हिरण की मृगछाला लाने के लिये कहा। भगवान राम ने लक्ष्मण को सीताजी की सुरक्षा का दायित्व दिया ओर खुद मारीच को सोने के हिरण का पीछा करने लगा। सोने का हिरण बना मारीच श्री राम को वने मे दूर तक ले गया। तभी भगवान राम का तीर लगते ही मारीच हा लक्ष्मण ,हा लक्ष्मण कहता हुआ धराशायी हो गया। मारीच अंतिम समय मे अपने वास्तविक रूपम े आया तो राम उसके छल को पहचान गये।

उधर मारीच की आवाज सुनकर सीता जी अधीर हो गयी। उन्होने श्री राम को विपत्ति मे जानकर लक्ष्मण को श्रीराम की मदद के लिये भेजा । आश्रम मे सीता को अकेला पाकर रावण छल से साधू को वेश बनाकर सीता को बलपूर्वक हर ले गया। रास्ते मे सीता जी की करूण पुकार सुनकर जटायु ने रावण के साथ युद्ध किया। पंरतु रावण ने जटायु को घायल कर धराशायी कर दिया। इसी बीच राम लक्ष्मण वापस आश्रम मे आये तो उन्होंने आश्रम को सूना पाया ओर वे सीता की खेाज मे निकल गये। श्रीराम अधीर होकर वृक्षो , पक्षियो व जीव जंतुओ से सीता जी का पता पूछते है।

इससे पूर्व समाजसेवी मनोज वर्मा, नगरपालिका सरसावा के चेयरमैन प्रतिनिधि राजूपंवार, रामपाल गुप्ता , भाजपा नेत्री रूचि यादव, टोनी धीमान, रमेश सुखिजा, अन्न्ुा सिंघल मनोज धनगर ने श्रीरामजी की आरती कर व दीप प्रज्जवलित कर रामलीला मंचन का शुभारंभ किया। इस मौके पर रामलीला महोत्सव समिति के संरक्षक मनोज गोयल , पंकज जैन, आशु भार्गव, वरूण मिततल, आदि उपस्थित रहे।

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