रामलीला के कलाकारो ने अहिरावण व रावण वध के प्रंसगो का रोमांचक मंचन किया

रामलीला के कलाकारो ने अहिरावण व रावण वध के प्रंसगो का रोमांचक मंचन किया
  • रामलीला के मंचन का दृश्य

नकुड 22 अप्रैल इंद्रेश। नगर मे चल रही रामलीला के अंतिम पडाव मे बीती रात अहिरावण व रावण वध की लीला का रोमांचकाराी मंचन किया गया।

मेघनाद की मृत्यु के बाद लंका मे शोक व्याप्त हो गया। लांकाधिपति रावण ने पाताल लोक से अहिरावण को सहायता के लिये बुलाया। अहिरावण ने हनुमान जी को मुर्छित करके भगवान राम व लक्ष्मण का अपहरण कर लिया। वह दोनो भाईयो को पाताल लोक म ेले गया। उधर राम व लखन के गायब होने से रामादल मे कोहराम मच गया। इस विकट समस्या के समाधान के लिये विभिषण व जामंवान व सुग्रीव ने एक बार फिर हनुमान जी को आगे किया।

वीर हनुमान जी ने पाताल मे पहुंचकर अहिरावण का वध कर दिया साथ ही भगवान श्री राम व लक्ष्मण जी को मुक्त करा लिया । सारे विकल्प समाप्त होने पर लंकाधिपति रावण स्वयं युद्ध के मैदान मे उतर गया। उसने भगवान श्रीराम को ललकारा । जिसके बाद श्री राम व रावण मे भंयकर युद्ध शुरू हो गया। विभिषण की सलाह पर श्री राम ने रावण के नाभिकुंड के अमृत को सूखाकर उसका वध कर दिया। जिससे लंका पर श्री राम की विजय हो गयी।

रामलीला मे दिखाया गया कि मृत्यु शयया पर विद्वान रावण श्री राम व लक्ष्मण को चारो वेदो का ज्ञान देता है। इस प्रकार मंगलवार को भगवान श्री राम के वानरदल के साथ अयोध्या पंहुचने के साथ ही भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के साथ नगर मे रामलीला महोत्सव संपन्न हो जायेगा।

बीती रात डा0 वेदप्रकाश सैनी, रजनीश अग्रवाल, विशाल गुप्ता, विनोद वर्मा, मुकेश सिंघल, शरद जैन, गणेश वंदना व भगवार श्री राम की ज्योति प्रज्वलित कर लीला का शुभारंभ किया। रामलीला की व्यवस्था मे मनोज गोयल , हरीश गर्ग, पंकज जैन, वरूण मिततल, अनिल गोयल, उत्कर्ष सिंघल, विजेंद्र नारायण आदि ने अपना योगदान दिया।


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