कोर्ट की सुनवाई पर अरशद मदनी ने जताया संतोष

जमीयत तमिलनाडु भी पहुंची अदालत
देवबंद। दिल्ली हाईकोर्ट में उदयपुर फाइल्स फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर हुई सुनवाई पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि हमें पूरी यकीन है कि अदालत मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखेगी। वहीं, फिल्म के प्रदर्शन पर रोक के लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद तमिलनाडु (मौलाना महमूद मदनी गुट) की ओर से मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि हमारे कोर्ट जाने के बाद फिल्म निर्माता और सेंसर बोर्ड के वकीलों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि फिल्म के ट्रेलर से विवादित सीन हटा लिए गए हैं। मौलाना मदनी ने न्यायिक कार्यवाही पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि अदालत फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद इसके रिलीज के संबंध में मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए, संविधान की रोशनी में ऐसा फैसला देगी जिससे संविधान की सर्वोच्चता स्थापित होगी। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद बृहस्पतिवार (आज) फिर से सुनवाई होगी।
वहीं, दूसरे गुट के अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सदस्य मौलाना महमूद मदनी और दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी की सलाह पर जमीयत उलमा तमिलनाडु ने मद्रास हाईकोर्ट में फिल्म पर रोक के लिए जनहित याचिका दायर की है। यह याचिका जमीयत तमिलनाडु के महासचिव हाजी हसन अहमद की ओर से दायर की गई है।