सेना-सरकार दखलअंदाजी बंद करें नहीं तो आएगा तूफान- फारूक अब्दुल्ला की चेतावनी

सेना-सरकार दखलअंदाजी बंद करें नहीं तो आएगा तूफान- फारूक अब्दुल्ला की चेतावनी

फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष चुने गए हैं. उन्होंने सरकार और सुरक्षा बलों से अपील भी की कि वे चुनावों में किसी तरह की दखलअंदाजी न करें. नहीं तो ऐसा तूफान आएगा कि आप रोक भी नहीं पाएंगे.

New Delhi : फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष चुने गए हैं. इस दौरान आयोजित सभा में उन्होंने पार्टी द्वारा 2018 में पंचायत चुनावों के बॉयकॉट के फैसले को गलत बताया और कहा कि आने वाले सभी चुनाव में पार्टी को हिस्सा लेना चाहिए. उन्होंने सरकार और सुरक्षा बलों से अपील भी की कि वे चुनावों में किसी तरह की दखलअंदाजी न करें. अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह करने से ऐसा तूफान आएगा जिसे आप कंट्रोल नहीं कर पाएंगे. उन्होंने उमर अब्दुल्ला के उस बयान के उलट कहा, जिसमें उन्होंने जम्मू कश्मीर के यूनियन टेरिटरी रहते चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि पार्टी द्वारा 2018 में पंचायत चुनावों का बॉयकॉट एक बड़ी गलती थी. याद रखिए, हम आने वाले चुनावों का बॉयकॉट नहीं करेंगे, बल्की इसके बदले चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे.’ उन्होंने निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह बातें कही. उन्होंने अपने बेटे उमर अब्दुल्ला को कहा कि आपको चुनाव लड़ना होगा.

सेना ने दी पैर तोड़ देने की धमकी

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “जब मैं मुख्यमंत्री था (1996 में जम्मू-कश्मीर का), मैं डोडा के एक गांव में गया था जहां मतदान हो रहा था. मैं वहां किसी को नहीं देख सका क्योंकि (मतदान) मशीनें सेना के शिविर में रखी हुई थीं. जब मैंने पूछा कि यहां कोई क्यों नहीं है, तो उन्होंने (सैनिकों ने) कहा कि कोई वोट देने नहीं आया. उन्होंने कहा कि वहां के दुकानदारों ने उन्हें बताया कि सुरक्षा बलों ने उन्हें धमकी दी है कि अगर वे वोटिंग मशीनों के पास जाते हैं तो उनके पैर तोड़ देंगे.

उनसे लड़ने के लिए मैदान में उतरने होगा- अब्दुल्ला

अब्दुल्ला ने कहा कि “अगर हम उनसे लड़ना चाहते हैं तो हमें मैदान में उतरना होगा और चुनाव लड़ना होगा.” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीजेपी कुछ भी कर सकती है. यहां तक कि आपके करीबियों को खरीदने की कोशिश भी कर सकते हैं, लेकिन अल्लाह उनके इस योजनाओं को नाकाम करेगा. सीनियर अब्दुल्ला ने सुरक्षा बलों और सरकार को चेतावनी भी दी कि वे चुनाव में किसी तरह का हस्तक्षेप न करें. उन्होंने कहा कि यह जनता को तय करने दें कि वे किसको वोट करते हैं.

अब्दुल्ला ने चेतावनी दी कि अगर आप ऐसा करते हैं तो ऐसा तूफान आएगा जिसे आप कंट्रोल भी नहीं कर पाएंगे. उन्होंने ऐसा किए जाने पर आंदोलन करने की भी धमकी दी. उन्होंने कहा कि हम अपनी जान देने के लिए तैयार हैं लेकिन फारूक अब्दुल्ला पहला शख्स होगा जो आंदोलन करेगा. 5 दिसंबर को वो पार्टी के एक बार फिर निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं.


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