कोई भी राष्ट्र तभी सुरक्षित  होता है जब उसके शिक्षक योग्य हो: गुगलानी

कोई भी राष्ट्र तभी सुरक्षित  होता है जब उसके शिक्षक योग्य हो: गुगलानी
  • शिक्षक दिवस में कार्यक्रम में शिक्षकों को सम्मानित करते हुए अतिथि

देवबंद [24CN]: शुक्रवार को मानव कल्याण मंच द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन रेलवे स्टेशन स्थित श्री रामकृष्ण योगाश्रम इंटर कॉलेज में किया गया।
कार्यक्रम में कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य धर्मपाल महाजन, पूर्व प्रवक्ता शशि गुगलानी, एच ए वी इंटर कॉलेज के उपप्रधनाचार्य हेम सिंह, पूर्व प्रवक्ता रामशरण का शाल औढाकर व अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में धर्मपाल महाजन ने शिक्षक दिवस के बारे में विस्तार से बतातें हुए कहा कि भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्ण के जन्मदिवस जो 5 सितंबर को होता है उसको ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि  पुस्तके वह साधन है जिसके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के मध्य पुल बनाने का कार्य करते हैं। यदि हमें दो संस्कृतियों का बेहतर संबंध बनाना है तो शिक्षा उसमें महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती है।

एचएवी के कालेज के उप प्रधानाचार्य हेम सिंह ने बताया कि शिक्षक हमारे जीवन में मार्गदर्शन का कार्य करते हैं जीवन में आने वाले संघर्षों का सामना करने के लिए हमें शिक्षक ही तैयार करते हैं। पूर्व प्रवक्ता रामशरण ने बताया कि शिक्षक दिवस मूलतः इस लिए मनाया जाता है ताकि हम अपने सभी शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता जता सकें।

शशि गुगलानी ने कहा कि एक शिक्षक राष्ट्र के निर्माण में अतुल्य योगदान देता है और कोई भी राष्ट्र तभी सुरक्षित  होता है जब उसके शिक्षक योग्य हो । भाजपा नगर अध्यक्ष विपिन गर्ग ने बताया कि शिक्षकों का योगदान ही है जो आज हमारा देश तेजी से सफलता के मार्ग पर अग्रसर है आज विश्व भर में भारतीय हर क्षेत्र में अपने नाम व अपने देश का नाम रोशन कर रहे हैं आज विश्व का हर चैथा डॉक्टर या इंजीनियर एक भारतीय है।

भाजपा नगर महामंत्री अरुण गुप्ता ने बताया कि आज हमारा देश जिस मुकाम पर है बिना शिक्षकों के हम यहां तक नहीं पहुंच सकते थे।  सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य अजय वर्मा ने कहा कि एक शिक्षक मोमबत्ती की तरह स्वयं को जलाकर एक विद्यार्थी को तैयार करता है। मंच संरक्षिका डॉ कांता त्यागी ने कहा कि शिक्षक का स्थान ईश्वर से भी सर्वोपरि होता है। मंच के वरिष्ठ सदस्य राजकुमार जाटव ने मंच द्वारा किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के अंत में मंच संस्थापक अरुण अग्रवाल ने बताया कि शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ-साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कहा जाता है कि मनुष्य की सबसे पहले गुरु उसकी मां होती है जो अपने बच्चों को जन्म देने के साथ साथ उनका पालन करती है जबकि शिक्षक उनको ज्ञान व शिष्टाचार सिखाता है। कार्यक्रम का संचालन राजीव शर्मा ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रमोद मित्तल, सुशील  कर्णवाल, राजू सैनी, जितेंद्र कश्यप, कुलदीप दीप, नंदकिशोर नागर, चंद्र प्रकाश गाबा यश बंसल, रविंद्र कश्यप एडवोकेट, सुनील बंसल, वैभव अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।