एंटीऑक्सीडेंट दवाएं मधुमेह और कोरोना से लड़ने में असरदार, रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के इलाज को लेकर कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है. ऐसे में तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस में हुए शोध में दावा किया गया है कि हर्बल दवाओं में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कोरोना वायरस से लड़ने में बेहद सक्षम हैं. सबसे बड़ी राहत मधुमेह रोगियों के लिए है. क्योंकि मधुमेह रोगी सबसे ज्यादा कोरोना के शिकार हो रहे हैं.
तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस में किए गए शोध में पाया गया कि जो लोग मधुमेह (डायबिटीज) का शिकार हो चुके हैं, उन्हें कोरोना वायरस आसानी से अपनी चपेट में ले रहा है. कारण है कि डायबिटीज के रोगियों में कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने से हाइपरग्लेसेमिया यानी की खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है.
वहीं, कोरोना की वजह से शरीर की विभिन्न बीमारियों से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं की कार्यप्रणाली भी बिगड़ जाती है. यही कारण है कि मधुमेह के मरीज जो कोरोना संक्रमित हो जाते हैं, उनको मौत के मुंह से निकाल पाना बेहद मुश्किल हो जाता है.
तेहरान यूनिवर्सिटी के एंड्रोक्रोनालाजी डिपार्टमेंट में किये गये शोध में पाया गया कि हर्बल दवाओं में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट रक्त में मौजूद साइटोकिन्स (छोटे प्रोटीन) को नियंत्रित करते हैं. आसान शब्दों में समझा जाये, तो साइटोकिन्स प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले प्रोटीन हैं. इनकी मौजूदगी शरीर की प्रतिरोधक तंत्र (Resistive system) को सक्रिय और नियंत्रित रखती है.
गौरतलब है कि सीएसआईआर ने बीजीआर-34 जैसी सफल दवाएं विकसित की हैं जिसे एमिल फार्मास्युटिकल द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. इसमें एंटी आक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा है. एनबीआरआई के पूर्व वैज्ञानिक और बीजीआर-34 की खोज करने वाले वैज्ञानिक डॉ. एकेएस रावत ने कहा कि बीजीआर-34 में दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मजीठ तथा मैथिका जैसे हर्ब मिलाए गए हैं, जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित्र रखने के साथ ही, एंटी आक्सीडेंट की मात्रा भी बढ़ाते हैं.