लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज होने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सूची लगातार बढ़ती ही जा रही है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों शिवपाल सिंह यादव व आजम खां के बाद अब राज्यसभा सदस्य कुंवर रेवती रमन सिंह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से नाराज हो गए हैं। उनका साफ कहना है कि समाजवादी पार्टी में तो अब मुलायम सिंह यादव के दौर के किसी भी नेता को पूछा नहीं जा रहा है। पार्टी के किसी भी फैसले को अखिलेश यादव अकेले ही ले रहे हैं, जो कि पार्टी के लिए ठीक नहीं है। रेवती रमण सिंह भारत के वरिष्ठ राज्यसभा के सदस्य हैं।

इलाहबाद से लोकसभा सदस्य रहे कुंवर रेवती रमण सिंह प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे थे। कुंवर रेवती रमण सिंह राज्यसभा का टिकट ना मिलने से नाराज हैं। उन्होंने साफ कहा कि उनके समर्थक उनको राज्यसभा का टिकट ना मिलने से नाराज हैं। वह अपने समर्थकों से बात करने के बाद जुलाई के पहले हफ्ते में कोई निर्णय लेंगे। वह अभी तो समाजवादी पार्टी में हैं और सही समय आने पर उचित निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को उनको राज्यसभा के लिए टिकट देना चाहिए था। उनको काफी उम्मीद थी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनसे वादा किया था कि उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजा जाएगा, लेकिन बिना उनसे बातचीत किए सीधे फैसला ले लिया। उन्होंने कहा कि अगर मुझे टिकट नहीं देना था तो पार्टी के ही किसी नेता को राज्यसभा भेजते, लेकिन अखिलेश यादव का कपिल सिब्बल को टिकट देना किसी के भी गले नहीं उतर पा रहा है।

रेवती रमण सिंह ने कहा कि पार्टी में अब मुलायम सिंह यादव का दौर नहीं रहा, वह होते तो पार्टी की यह स्थिति नहीं होती। यह दिख रहा है अखिलेश यादव ने नई सपा तैयार कर ली है। पिछले चुनावों के नतीजे सामने हैं। अखिलेश यादव को समझना चाहिए कि आखिरकार उनसे कहां गलती हो रही है। उनको हार की समीक्षा करनी चाहिए कि ऐसा किन कारणों से हो रहा है। रेवती रमण सिंह ने कहा कि उनको टिकट न मिलने से जो समर्थक इस्तीफा दे रहे हैं, वह उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं। वह तो समर्थकों से बातचीत के बाद आगे के लिए निर्णय लेंगे।

रेवती रमण को अफसोस है कि बिना उनके कोई भी बात करे अखिलेश यादव ने कांग्रेसी कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने का फैसला कर लिया। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने दुख जताते हुए कहा राज्यसभा के चेयरमैन ने कई बार हमारी तारीफ की और हमने समाजवादी पार्टी का नाम रोशन करने का भरसक काम किया, लेकिन किन कारणों से हमें टिकट नहीं मिला इसका हमें दुख है। प्रयागराज के करछना से आठ बार के विधायक और इलाहाबाद से दो बार लोकसभा सदस्य रहे रेवती रमण सिंह 1963 से राजनीति में सक्रिय हैं। वह इलाहाबाद में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता डा. मुरली मनोहर जोशी को हराकर सांसद बने और अब वह राज्यसभा सांसद हैं।

रेवती रमण के बेहद करीबी माने जाने वाले विजय वैश्य का आरोप है कि अखिलेश यादव ने कुंवर रेवती रमण का पत्ता काटकर कपिल सिब्बल को सिर्फ इसलिए राज्यसभा भेजा है, ताकि सीबीआई और ईडी के शिकंजे में फंसने के बाद वह उन्हें जेल जाने से बचा सकें। रेवती रमण सिंह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं और अगले महीने चार तारीख को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। सपा के रेवती रमण सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है।

नाराज हैं शिवपाल और आजम खां :समाजवादी पार्टी में शिवपाल सिंह यादव और आजम खां पहले से ही अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। अब तो रेवती रमण सिंह ने मोर्चा खोल दिया है। सपा में अखिलेश यादव के निर्णय खिलाफ बगावत के सुर थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। रेवती रमण ने अपनी जगह पूर्व कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजे जाने के बाद खुलकर अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाया है।