जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया अन्नप्राशन दिवस

सहारनपुर [24CN]। पोषण अभियान के अंतर्गत जनपद के तीन हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। इसमें छह माह पूरा कर चुके बच्चों का अन्नप्राशन किया गया। केंद्रों पर बच्चों को कुपोषण से बचाए रखने पर जोर दिया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती आशा त्रिपाठी ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित समय सारणी के अनुसार प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र पर 9 नवंबर को अन्नप्राशन दिवस निर्धारित किया गया है। इसी कड़ी में जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। उन्होने शहर बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री रचित गोयल तथा मुख्य सेविका श्रीमती रीता सैनी के साथ नगर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र (कोरी माजरा) तथा खलासी लाइन के लाभार्थियों के बीच जाकर 6 माह पूर्ण कर चुके बच्चों का अन्नप्राशन कराया। कोरी माजरा के आंगनबाड़ी कार्यकत्री कमलेश तथा खलासी लाइन की आंगनवाड़ी कार्यकत्री मिथिलेश सैनी द्वारा अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। जिसमें सभी लाभार्थी महिलाएं बच्चे और किशोरी बालिकाओं की उपस्थिति रही।
जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा लाभार्थियों के बीच आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में भी जानकारी दी गई और यह बताया गया कि आज की तिथि में न्याय निर्धन से मिलने घर-घर जा रहा है। उन्होने कहा कि किसी भी लाभार्थी को किसी भी तरह की परेशानी आने पर न्याय उसकी सहायता करेगा। आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाए गए अभियान के बारे में सभी लाभार्थियों को जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि किसी भी घटनाक्रम से आप लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। हेल्प लाइन नंबर का प्रचार-प्रसार कीजिए और नालसा ऐप के माध्यम से भी अपनी शिकायतों को दर्ज कराया जा सकता है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री रचित गोयल द्वारा लाभार्थियों को यह समझाया गया कि 6 माह के बाद छोटे बच्चों को अतिरिक्त आहार की आवश्यकता होती है। उनके संपूर्ण विकास के लिए माता के दूध के साथ-साथ ऊपरी आहार भी दिया जाना आवश्यक है। 6 माह से ऊपर के बच्चे को मसला हुआ फल, खीर, हलवा जिसको बच्चे आसानी से निगल सके ऐसा खाद्य पदार्थ बनाकर मां को देना चाहिए। दिन भर में थोड़े-थोड़े अंश में यह भोजन बच्चों को कराया जाना सही रहेगा। यदि इस प्रकार बच्चों के ऊपर आहार का ध्यान दिया जाएगा तो बच्चों की उत्तरोत्तर वृद्धि होगी और सर्वांगीण विकास होगा।