मनी लांड्रिंग मामला: आज अनिल देशमुख के बेटे से होगी पूछताछ, ED ने भेजा समन
- मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने अब अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश को तलब किया है। फिलहाल अनिल देशमुख ED की हिरासत में हैं जहां उनसे मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ जारी है।
मुंबई। मनी लांड्रिंग मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश से पूछताछ करेगी। इसके लिए गुरुवार को ED की ओर से समन जारी किया गया है। इसके तहत ऋषिकेश को एजेंसी के समक्ष शुक्रवार को पेश होना है।
देशमुख फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं, जहां उनसे मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ जारी है। अधिकारी ने बताया कि राकांपा नेता को दोपहर करीब 12 बजे ईडी के कार्यालय से बाहर लाया गया और उन्हें दक्षिण मुंबई के अस्पताल ले जाया गया। अधिकारी ने कहा कि दोपहर 12.30 से 1.30 बजे के बीच अस्पताल में उनकी नियमित जांच की गई, इसके बाद वह ईडी के कार्यालय में वापस चले गए।
देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह (Indrapal Singh) ने कहा, ‘कोर्ट के आदेश के अनुसार, अनिल देशमुख से पूछताछ के दौरान मुझे मौजूद रहना है। उनका मेडिकल चेकअप किया गया और वे बिल्कुल स्वस्थ हें।’ मनी लांड्रिंग मामले में 71 वर्षीय देशमुख को ED ने सोमवार ( एक नवंबर) देर रात 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। पूर्व मंत्री ने मामले में ED द्वारा जारी किए गए कई समन को छोड़ दिया था, लेकिन बांबे हाई कोर्ट द्वारा पिछले हफ्ते उन्हें रद करने से इनकार करने के बाद, वह सोमवार को एजेंसी के सामने पेश हुए।
यहां की एक विशेष अवकाश अदालत ने मंगलवार को उसे छह नवंबर तक ED की हिरासत में भेज दिया। एजेंसी ने अदालत को बताया था कि देशमुख अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ था और सीधे तौर पर मनी लांड्रिंग के अपराध में शामिल था। केंद्रीय एजेंसी ने अपने रिमांड नोट में कहा कि राकांपा पर 100 करोड़ रुपये के संग्रह का आरोप लगाया गया है। ED ने अदालत से कहा था कि जांच के लिए देशमुख की हिरासत में पूछताछ समय की जरूरत है, और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरे पैसे के लेन-देन को स्थापित करने की आवश्यकता है।
CBI ने इस साल 21 अप्रैल को राकांपा नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। देशमुख ने पहले इन आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि एजेंसी का पूरा मामला एक दागी पुलिस वाले (सचिन वाझे) द्वारा दिए गए दुर्भावनापूर्ण बयानों पर आधारित था। ED इससे पहले संजीव पलांडे (अतिरिक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी जो देशमुख के निजी सचिव के रूप में काम कर रहे थे) और कुंदन शिंदे (देशमुख के निजी सहायक) को इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला सीबीआइ द्वारा मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा किए गए कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोपों से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज किए जाने के बाद बनाया गया था। एजेंसी ने पिछले महीने एक विशेष अदालत के समक्ष पलांडे और शिंदे के खिलाफ अभियोजन ने शिकायत की थी।