गंगोह में (जुब्बा) जुलूस की अनुमति देने से हिन्दू समाज में रोष, बजरंगदल ने किया विरोध

गंगोह में (जुब्बा) जुलूस की अनुमति देने से हिन्दू समाज में रोष, बजरंगदल ने किया विरोध
वर्ष 2024 में प्रशासन द्वारा खारिज की गई अनुमति
  • प्रशासन द्वारा जुलूस कीअनुमति देने से नई परंपरा का होगा आगाज
  • प्रशासन ने सरकार के दिशानिर्देशों की खुलेआम उड़ाई धज्जियां

सहारनपुर [दिग्विजय] : गंगोह में सालाना उर्स मुबारक हजरत शेख अब्दुल कुददस (कुतबेआलम) का प्रत्येक वर्ष आयोजन होता है। आयोजक इस अवसर पर (जुब्बा) जलूस भी निकालने का प्रयास करते रहे है। प्रदेश में योगी सरकार ने वर्ष 2023 में संवेदनशील आयोजनों पर रोक लगा दी गई थी। साथ ही प्रशासन को पत्र संख्या यूओ-80 /छ/पु/3-22300(21) के माध्यम से कोई भी नई परंपरा शुरू करने के लिए अनुमति नहीं प्रदान करने को निर्देशित किया गया था।

उपरोक्त पत्र का हवाला देते हुए प्रशासन द्वारा वर्ष 2023 व वर्ष 2024 में आयोजकों को जुलूस की अनुमति नहीं दी गई थी। स्थानीय निवासियों के अनुसार अनुमति नहीं देने के पीछे पूर्व के वर्षों में इस आयोजन में हुआ हुड़दंग व हिंसक घटनाओं को भी एक कारण माना गया था। गंगोह के रहने वाले अमरीश कुमार ने बताया कि आयोजक इस जुलूस को कई संवेदनशील क्षेत्रों से गुजारते है। इस जुलूस में पूर्व में कई छेड़छाड़ की व हिंसक घटनाएं हुई है।

2022
वर्ष 2023 में प्रशासन द्वारा नहीं दी गई थी अनुमति। 2023 का खारिज पत्र।

गंगोह निवासी रवींद्र ने कहा कि जब प्रशासन द्वारा पूर्व के वर्षों में इस जुलूस की अनुमति नहीं दी जा रही थी तो इस वर्ष अनुमति क्यों दी? क्या प्रशासन गंगोह में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करना चाहता है? स्थानीय निवासी विकास ने कहा कि प्रशासन पुनः एक नई परंपरा शुरू करा रहा है जो भविष्य में हिन्दू समाज के लिए घातक सिद्ध होगी।

बजरंगदल के जिला सह-संयोजक अतुल सैनी ने कहा कि यह दुर्भागपूर्ण है कि प्रशासन ने अनुमति देते समय हिन्दू समाज की आपत्तियों के विषय में विचार नहीं किया। शायद प्रशासन गंगोह में किसी बड़ा सांप्रदायिक घटना को अंजाम दिलाना चाहता है। उन्होंने कहा बजरंगदल इसकी निंदा करता है व यदि एक भी अप्रिय घटना बदतमीजी हुई तो इसका मुंह तोड जवाब दिया जाएगा।

क्या बोले अधिकारी?

नकुड़ उपजीलाधिकारी ने कहा कि हाँ इस जुलूस का आयोजन संवेदनशील तो है, लेकिन जिला प्रशासन की संस्तुति के पश्चात अनुमति दी गई है।

एडीएम (ई) संतोष बहादुर से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा आयोजकों ने अनुमति मांगी होगी, प्रशासन ने अनुमति दे दी। जब उनसे पूछा गया कि पूर्व के वर्षों में अनुमति क्यों नहीं दी जा रही थी तो इस पर वो कुछ जवाब नहीं दे पाए। बस इतना कहा चलिए इसको दिखवाता हूँ…