नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसे लेकर पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र भी लिखा है।
स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं- आनंद शर्मा
सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि वे स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं करेंगे। सूत्रों के हवाले यह जानकारी सामने आई है।
हिमाचल प्रदेश में इस साल होगा विधानसभा चुनाव
हिमाचल प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस की नजर इस बार भाजपा को हटाकर सत्ता पर काबिज होने पर टिकी हुई है। लेकिन आनंद शर्मा के इस्तीफे से उसकी तैयारियों को झटका लगा सकता है। शर्मा का इस्तीफा G23 समूह के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद के कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर में अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद आया है।
परामर्श प्रक्रिया में अनदेखी का आरोप
आनंद शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा है कि परामर्श प्रक्रिया में उनकी अनदेखी की गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह राज्य में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता को 26 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
पार्टी नेतृत्व के फैसलों के आलोचक रहे हैं शर्मा
- आजाद और शर्मा दोनों G23 समूह के प्रमुख नेता हैं जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों के आलोचक रहे हैं।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी सहित प्रमुख दिग्गजों का समूह ब्लाक से लेकर सीडब्ल्यूसी स्तर तक वास्तविक चुनावों पर जोर देता रहा है।
- शर्मा, जिन्हें हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े नेताओं में से एक माना जाता है, ने कथित तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष को अपने पत्र में कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है क्योंकि उन्हें पार्टी की किसी भी बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।
- कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश में भाजपा से सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही है।
शर्मा ने पहली बार 1982 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उन्हें 1984 में राज्यसभा का टिकट दिया गया था। वे पार्टी में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीट है। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहता है। मौजूदा समय में भाजपा के जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री हैं। हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर 2017 को विधानसभा चुनाव संपन्न हुए थे। इस चुनाव में भाजपा ने धमाकेदार जीत दर्ज की थी।
इससे पहले 2012 में हुए चुनाव में कांग्रेस को 36, तो भाजपा को 27 सीटों पर जीत मिली थी, जिसके बाद वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने थे। वहीं, 2007 के चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने थे।