लखनऊ में अमित शाह बोले- उत्तर प्रदेश में बनेगी एनडीए की सरकार, जीतेंगे 300 से अधिक सीट

लखनऊ में अमित शाह बोले- उत्तर प्रदेश में बनेगी एनडीए की सरकार, जीतेंगे 300 से अधिक सीट
  • अमित शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन में निषाद पार्टी हमारे साथ थी। उस दौरान बबुआ और बुआ का दुनिया का सबसे बड़ा गठबंधन बना लेकिन हमने उन्हें हरा दिया और भारी बहुमत हासिल किया।

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले गृह तथा सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लखनऊ दौरे के अपने पहले कार्यक्रम में निषाद पार्टी की ‘सरकार बनाओ, अधिकार पाओ’ रैली को संबोधित कया। रमाबाई आम्बेडकर रैली स्थल पर निषाद पार्टी तथा भाजपा की संयुक्त रैली में अमित शाह ने भरोसा जताया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए 300 से अधिक सीट जीतकर सरकार बनाएगी।

अमित शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन में निषाद पार्टी हमारे साथ थी। उस दौरान बबुआ और बुआ का दुनिया का सबसे बड़ा गठबंधन बना लेकिन हमने उन्हें हरा दिया और भारी बहुमत हासिल किया। उन्होंने कहा कि इसी कारण हमको एक बार फिर अपनी सरकार बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा। यहां सपा, बसपा की जो सरकारें चली उन्होंने अपनी जाति का काम किया, सभी पिछड़ी जातियों का काम करने का लक्ष्य मोदी जी का था और उन्होंने इसे पूरा किया।

अमित शाह ने कहा कि 2019 के चुनाव में संजय निषाद भाजपा के साथ जुड़े और निषाद समाज गांव-गांव से निकलकर हर बूथ पर जाकर कमल का संदेश लेकर गया। शाह ने कहा कि देखते-देखते दो तिहाई बहुमत से मोदी जी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का काम किया। गृह मंत्री अमित शाह ने विरोधी दलों पर जमकर हमला भी बोला। शाह ने तंज कसते हुए कहा कि सपा, बसपा की बुआ-भतीजे की सरकारें माफियाओं का संरक्षण करती थीं, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सारे माफिया उत्तर प्रदेश छोड़कर पलायन कर गए। शाह ने कहा कि प्रदेश में माफिया, गुंडों का राज होता है, वहां गरीब का विकास कभी नहीं होता। गरीब का विकास तभी होता है जब कानून का राज हो। सपा-बसपा की सरकारें माफियाओं को संरक्षण देती थी। योगी जी की सरकार में सारे माफिया पलायन कर गये हैं। शाह ने कहा कि मैं आप सभी को पूछना चाहता हूं कि सपा, बसपा, कांग्रेस ने कई वर्षों तक देश और प्रदेश में शासन किया, आपको क्या दिया? शाह ने कहा कि मोदी जी की सरकार ने गरीबों के जीवन स्तर उठाने के लिए गैस, शौचालय, घर, स्वास्थ्य बीमा जैसी अनेक सुविधाएं दी। सपा, बसपा, कांग्रेस ने कई वर्षों तक देश और उत्तर प्रदेश में शासन किया, लेकिन गरीबों के घर में न रसोई गैस पहुंची, न शौचालय बना। शाह ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा की सरकारें बनी, तो उन्होंने सिर्फ अपनी जाति के लोगों के लिए काम किया। सभी पिछड़ी जातियों, सभी गरीबों के हित में काम नरेंद्र मोदी जी ने किया है। शाह ने आगे कहा कि वर्षों से एक अलग मंत्रालय बनाने की मांग थी। 2019 में पीएम मोदी ने पिछड़े समाज को लिए एक अलग मंत्रालय बनाकर उस मांग को पूरा किया। आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में जो भाजपा सरकार बनने वाली है वो निषाद समाज के बाकी सभी एजेंडे को पूरा करने का काम करेगी। मोदी सरकार ने 2015-19 तक 5 हजार करोड़ रुपये से नीली क्रांति योजना की शुरुआत की। लगभग 7,522 करोड़ रुपये के प्रावधान से जलीय कृषि बुनियादी ढांचे की शुरुआत की। देशभर में 3 करोड़ से अधिक मछुआरों के लिए अलग मत्स्य मंत्रालय का गठन किया और इंफ्रास्ट्रक्चर में करीब 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का काम किया है।

अमित शाह ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर सिर्फ मोदी जी ही आगे बढ़ रहे हैं। भाजपा उत्तर प्रदेश में फिर से सरकार बनाने जा रही है और निषाद समुदाय के बाकी एजेंडे को पूरा करेगी।

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उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने राज्य से गुंडों और माफियाओं का सफाया कर दिया है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी उनकी रक्षा करते थे। अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी है। जल्द ही राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर से जो निषाद उमड़ कर आए हैं (रैली में) वो बताता है कि 2022 में 300 पार के साथ भाजपा और एनडीए की सरकार बनने जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा इस संयुक्त निषाद रैली के माध्यम से प्रदेश में लगभग चार प्रतिशत आबादी वाले निषाद-मछुवारा मतदाताओं को साधते हुए प्रदेश के लगभग 115 सीटों पर इनके प्रभाव का फायदा उठाना चाह रही है। इस संयुक्त रैली से भाजपा का प्रयास समाजवादी पार्टी के अनेक छोटे दलों के साथ गठबंधन के प्रभाव को भी कम करने का है। विधानसभा चुनाव 2017 और लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने प्रदेश में जिस प्रकार से जीत हासिल की, उसमें निषाद समुदाय की भूमिका भी अहम है। निषाद मतदाताओं को साधने के लिए आयोजित इस संयुक्त रैली में भाजपा नेता निषाद समुदाय के लिए राज्य में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी देंगे। कयास लगाया जा रहा है कि रैली में गृह मंत्री अमित शाह निषाद-मछुवारा समुदाय के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं।

इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत किया। अमित शाह लखनऊ में निषाद समाज जन सभा के बाद सहकार भारती के वार्षिक अधिवेशन में शामिल होने के साथ यूपी सहकारी बैंक की 23 नई शाखाओं का भी उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उप्र राज्य भंडारण निगम एवं उप्र को-ऑपरेटिव बैंक की 155 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगें।

सहकार भारती के तीन दिनी सातवें राष्ट्रीय अधिवेशन

गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को राजकीय पालीटेक्निक फैजाबाद रोड सहकारिता क्षेत्र को तेजी से गतिमान करने के लिए विचार मंथन के लिए आयोजित की जा रही गोष्ठी में शामिल होंगे। सहकार भारती देश में लम्बे समय से सहकारिता को बढ़ाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। सहकार भारती के तीन दिनी सातवें राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ केंद्रीय सहकारिता व गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशिष्ट अतिथि होंगे।

देशभर से जुटने वाले संगठन के सैकड़ों पदाधिकारी व सहकारीजन के बीच नई सहकारी नीति के मसौदे व अन्य जरूरी नीतियों पर विचार-विमर्श होगा। सहकार भारती के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मराठे जो इस समय भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के निदेशक होने के साथ ही राष्ट्रीय आवासीय बैंक (एनएचबी) के निदेशक मंडल के सदस्य हैं ने बताया कि देश की सहकारी नीति दो दशक पुरानी है। इसमें कुछ अनुपयोगी हो चुके नियमों व बिंदुओं को हटाया जाना जरूरी है, इसीलिए नेशनल कोआपरेटिव पालिसी पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और नई पालिसी का मसौदा तैयार कर सरकार से उसे लागू करने की मांग की जाएगी।

उन्होंने बताया कि एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, बैंकिंग-फाइनेंस, उद्यमिता के सेक्टर में बढ़ते स्कोप को देखते हुए उसमें सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए नेशनल कोआपरेटिव ट्रेनिंग एंड कैपेसिटी बिल्डिंग पालिसी के निर्माण पर बात होगी, ताकि इन क्षेत्रों में कुशल सहकारी जन तैयार हो सकें। ऐसे ही एग्रो प्रोसेसिंग व फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्रों के बढ़ते दायरे को देखते हुए इनके लिए पालिसी बनाए जाने की मांग की जाएगी। कोआपरेटिव को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का दर्जा दिए जाने की मांग भी अधिवेशन में उठाई जाएगी, क्योंकि इसके बिना वर्तमान में सहकारिता का कोई औचित्य और लाभ नहीं है। दो माह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 64 हजार करोड़ के बजट वाला प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएमएबीएचआइएम) लांच किया है। इस सेक्टर में सहकारिता को बढ़ाने की योजना बनाने के साथ मैन्युफैक्चरिंग, इंश्योरेंस-म्यूचुअल फंड सेक्टर में कोआपरेटिव के विस्तार की भूमिका बनेगी।

अधिवेशन का चार सूत्रीय एजेंडा

सातवां अधिवेशन चार सूत्रीय एजेंडे के साथ आयोजित हो रहा है। ये चार बिंदु नई नेशनल कोआपरेटिव पालिसी पर मंथन, नेशनल कोआपरेटिव ट्रेनिंग एंड कैपेसिटी बिल्डिंग पालिसी पर चर्चा, एग्रोप्रोसेसिंग व फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए पालिसी बनाए जाने और कोआपरेटिव को एमएसएमई का दर्जा दिये जाने की मांग व मैन्युफैक्चरिंग, इंश्योरेंस-म्यूचुअल फंड के क्षेत्रों में भी कोआपरेटिव बनाए जाने का रोडमैप तैयार होगा।

नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होगा गठन

सहकार भारती के प्रदेश प्रचार प्रमुख सचिन शुक्ल ने बताया कि संगठन का राष्ट्रीय अधिवेशन हर तीन वर्ष पर होता है। जिसमें नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा के साथ नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी तैयार किया जाना शामिल है। इसी कार्यक्रम में प्रदेश के भी नए पदाधिकारी घोषित होंगे।