ईरान में बिगड़ते हालात के बीच भारत की सतर्कता: छात्रों को तेहरान से निकाला गया, कई नागरिकों को सीमा पार कराने में भी मदद

नई दिल्ली। ईरान और इज़राइल के बीच गहराते तनाव के बीच भारत ने तेहरान में रह रहे भारतीय छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारतीय दूतावास ने छात्रों को राजधानी तेहरान से बाहर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया है। साथ ही, कुछ नागरिकों को आर्मेनिया की सीमा के रास्ते ईरान से बाहर निकलने में भी मदद की गई है।
विदेश मंत्रालय की अपील: तत्काल संपर्क करें भारतीय दूतावास से
भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे तत्काल तेहरान स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करें और अपना ठिकाना एवं संपर्क जानकारी साझा करें। मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि मौजूदा परिस्थितियों में जो लोग अपने संसाधनों से तेहरान छोड़ सकते हैं, उन्हें जल्द से जल्द ऐसा कर लेना चाहिए।
दूतावास ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए नागरिकों से कहा,
“जो लोग दूतावास के संपर्क में नहीं हैं, वे तुरंत इन नंबरों पर संपर्क करें:
+98-9010144557
+98-9128109115
+98-9128109109”
निगरानी में दूतावास, 24×7 हेल्पलाइन भी सक्रिय
भारतीय मिशन लगातार स्थानीय भारतीय समुदाय से संपर्क में है और हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में 24 घंटे कार्यरत नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है, जिससे भारत में रह रहे परिजन भी मदद ले सकते हैं।
नियंत्रण कक्ष के संपर्क विवरण:
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टोल फ्री: 1800118797
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अन्य नंबर: +91-11-23012113, +91-11-23014104, +91-11-23017905
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व्हाट्सएप: +91-9968291988
तेहरान दूतावास की आपातकालीन हेल्पलाइन:
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कॉल के लिए: +98-9128109115, +98-9128109109
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व्हाट्सएप: +98-901044557, +98-9015993320, +91-8086871709
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बंदर अब्बास: +98-9177699036
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जाहेदान: +98-9396356649
अमेरिकी चेतावनी और G7 से ट्रंप की वापसी
स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर वाशिंगटन लौटने का निर्णय लिया। उन्होंने ईरानियों को फौरन तेहरान छोड़ने की चेतावनी देते हुए कहा,
“ईरान को वह समझौता पहले ही मान लेना चाहिए था… यह दुर्भाग्यपूर्ण है, और मानव जीवन की भारी क्षति हो रही है। ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए—मैं पहले भी कह चुका हूं और फिर दोहरा रहा हूं।”
ट्रंप के इस अचानक प्रस्थान के कारण उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय बैठक रद्द हो गई। व्हाइट हाउस ने इसे मध्य पूर्व की बदलती परिस्थितियों में उठाया गया आवश्यक कदम बताया।
स्थिति अभी भी संवेदनशील, भारत की नजर बनी हुई है
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि हालात की अनिश्चितता को देखते हुए आगे भी जरूरी सलाहें जारी की जाएंगी। फिलहाल भारत की प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इस दिशा में दूतावास व मंत्रालय पूरी तरह सक्रिय हैं।
भारतीय नागरिकों से आग्रह है कि वे अफवाहों से बचें, आधिकारिक निर्देशों का पालन करें और संकट की इस घड़ी में सतर्क और सहयोगी बने रहें।