बोल्सोनारो की सजा पर भड़के अमेरिका ने दिया बड़ा बयान, ब्राजील के नेताओं ने भी किया पलटवार

बोल्सोनारो की सजा पर भड़के अमेरिका ने दिया बड़ा बयान, ब्राजील के नेताओं ने भी किया पलटवार

साओ पाउलो: ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तख्तापलट की कोशिश के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद अमेरिका की ट्रंप सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस फैसले से नाराज अमेरिकी प्रशासन ने ब्राजील पर नए प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है, जिससे ब्राजील में चिंता बढ़ गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बोल्सोनारो की सजा को ‘नाइंसाफी’ करार देते हुए कहा कि वह इस फैसले से ‘बेहद नाखुश’ हैं। वहीं, ब्राजील की सरकार ने भी पलटवार किया है।

‘रूबियो का बयान हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला’

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अपने एक्स अकाउंट पर इसे ‘राजनीतिक साजिश’ बताया और कहा कि अमेरिका इसका ‘उचित जवाब’ देगा। रूबियो के बयान को ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने ‘अनुचित धमकी’ करार दिया है। मंत्रालय ने एक्स पर जवाब देते हुए कहा, ‘हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र है और बोल्सोनारो को पूरा कानूनी हक दिया गया। रूबियो का बयान हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला है, जो हमें डराने में कामयाब नहीं होगा।’

कोर्ट ने बोल्सोनारो को पाया तख्तापलट की कोशिश का दोषी

ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बोल्सोनारो को 2022 के चुनाव में हार के बाद सत्ता में बने रहने के लिए तख्तापलट की कोशिश का दोषी पाया। अभियोजकों ने कहा कि बोल्सोनारो ने देश की वोटिंग प्रणाली पर सवाल उठाए, अपने सहयोगियों के साथ आपातकालीन डिक्री की चर्चा की और लूला की ताजपोशी के बाद राजधानी में दंगे भड़काए। हालांकि, बोल्सोनारो के वकीलों ने दलील दी कि भले ही ऐसी चर्चा हुई हो, लेकिन कोई डिक्री जारी नहीं की गई और उन्होंने सत्ता का हस्तांतरण किया।

‘अगर ट्रंप प्रतिबंध लगाते हैं, तो यह उनकी समस्या है’

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने इस मामले पर कहा, ‘कोई भी देश दूसरे देश के संप्रभु फैसलों में दखल नहीं दे सकता। अगर ट्रंप प्रतिबंध लगाते हैं, तो यह उनकी समस्या है। हम इसका जवाब देंगे।’ सीनेट में सरकार के नेता सीनेटर रोजेरियो कार्वाल्हो ने बताया कि लूला सरकार ने अमेरिकी प्रतिबंधों से होने वाले नुकसान को कम करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, ‘हम प्रभावित कंपनियों की मदद करेंगे और अमेरिका को निर्यात में कमी की भरपाई के लिए नए बाजार तलाश रहे हैं।’

अमेरिका पहले ही ब्राजील पर लगा चुका है प्रतिबंध

इससे पहले जुलाई में ट्रंप ने ब्राजील के आयातित सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे उन्होंने बोल्सोनारो के मामले से जोड़ा था। इसके अलावा, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्जेंडर डी मोरेस पर ग्लोबल मैग्निट्स्की ह्यूमन राइट्स एक्ट के तहत प्रतिबंध लगाए, जो इस केस की देखरेख कर रहे थे। विश्लेषक क्रिस्टोफर गार्मन ने बताया कि ट्रंप प्रशासन शायद अन्य जजों और उनके परिवारों पर भी प्रतिबंध लगा सकता है। इसके अलावा, ब्राजील द्वारा रूसी डीजल खरीदने के कारण और टैरिफ लगाए जाने की आशंका है।

ब्राजील और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा

लूला ने स्थानीय टीवी चैनल बैंड को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘ट्रंप का धमकी देना घमंड भरा रवैया है। ब्राजील को अपने यहां होने वाले अपराधों को निपटाने का पूरा हक है।’ ब्राजील सरकार ने साफ कर दिया कि वह किसी भी बाहरी दबाव में नहीं झुकेगी और अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगी। इन सारी बातों के बीच ब्राजील और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता दिख रहा है। ब्राजील की सरकार जहां अपने कारोबारियों को सहारा देने की तैयारी कर रही है, वहीं अमेरिका की तरफ से नए प्रतिबंधों की आशंका बनी हुई है। इस मामले पर दोनों देशों की अगली चाल पर सबकी नजरें टिकी हैं।

Jamia Tibbia