अमरिंदर पंजाब कैबिनेट से चाहते हैं दो मंत्रियों की छुट्टी, हरीश रावत ने बांधे सीएम के हाथ, कहा- बदलाखोरी न करें
- Harish Rawat – Captain Amrinder Singh पंजाब कांग्रेस के विवाद के समाधान के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरीश रावत के बीच पांच घंटे की बैठक में कई मुद्दे उठे। कैप्टन दो बागी मंत्रियों को कैबिनेट से हटाने की बात की लेकिन रावत ने मना कर दिया।
चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस में घमासान को समाप्त करने के लिए चंडीगढ़ दौरे पर पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने बुधवार काे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ करीब पांच घंटे तक बैठक की। इसमें कई मुद्दे उठे और पार्टी में पैदा हालात पर चचा्र हुई। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रिमंडल में फेरबदल का मुद्दा उठाया। कैप्टन ने रावत पर दो मंत्रियों को कैबिनेट को बदलने का दबाव बनाया। ये दाेनों मंत्री पिछले दिनों कैपटन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले चार मंत्रियों में शामिल हैं। हालांकि इसके लिए रावत तैयार नहीं हुए और उन्होंने एक तरह सीएम के हाथ बांध दिए। रावत ने इसे बदलाखोरी वाली राजनीति बताया।
बताया जाता है कि कैप्टन अमरिंदर कैबिनेट ये ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और आवास, जल संसाधन व खनन और भूविज्ञान मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया को कैबिनेट से हटाना चाहते हैं। यह दोनों उन चार मंत्रियों में शामिल है, जिन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रकट किया था और कैप्टन को बदलने को लेकर यह चारों मंत्री देहरादून में रावत से मिलने गए थे।
जानकारी के अनुसार रावत के साथ हुई करीब पांच घंटे की बैठक के दौरान कैप्टन ने संभावित फेबदल की एक लिस्ट भी रावत को सौंपी। कैप्टन सरकारिया का विभाग खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को देना चाहते हैं। सोढ़ी कैप्टन के सबसे करीबी मंत्रियों में से है और वर्तमान में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए संकटमोटन का काम कर रहे है। सोढ़ी ने ही कैप्टन के हक में पिछले दिनों डिनर पार्टी का आयोजन किया था और आज रावत को वह ही अपने साथ मुख्यमंत्री के सिसवां फार्महाउस पर लेकर गए थे।
पार्टी के सूत्र बताते हैं कि कैप्टन ने पहले तकनीकि शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी बदलने का प्रस्ताव रखा था लेकिन अब उन्होंने इस विचार को त्याग दिया है। जानकारी के अनुसार कैप्टन शुरू से ही बाजवा और सरकारिया की वर्किंग से खुश नहीं थे। सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल से निकाले जाने के भय के कारण ही इन दोनों मंत्रियों ने कैप्टन के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया था।
बता दें कि 24 अगस्त को तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा,चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अविश्वास प्रकट किया था। इसी दिन रंधावा ने कहा था कि वह अपने दम पर मंत्रिमंडल में है। उन्हें मंत्री पद का कोई लोभ नहीं है।
जानकारी के अनुसार कैप्टन ने जब मंत्रिमंडल में फेरबदल की लिस्ट सौंपी तो रावत ने इस फेरबदल से यह कहते हुए इंकार किया कि यह बदलाखोरी वाली राजनीति होगी। इससे पार्टी में संदेश अच्छा नहीं जाएगा। जानकारी के अनुसार कैप्टन स्पीकर राणा केपी सिंह को मंत्रिमंडल में लाना चाहते है।