पांच लोगों को इबादत की इजाजत देना समझ से परे, फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार: दारुल उलूम

विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने अनलॉक एक के तहत महज पांच लोगों के साथ मस्जिदों को खोलने की अनुमति दिए जाने पर सख्त नाराजगी जताई है। मौलाना बनारसी ने केंद्र सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने तथा बिना संख्या सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त के साथ मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति देने की मांग की है।

सोमवार को जारी बयान में मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि पिछले करीब ढ़ाई माह से बंद मस्जिदों को खोलने के लिए सरकार ने जो नियम बनाएं हैं वे समझ से परे और बेचैन करने वाले हैं।
अनलॉक एक की प्रक्रिया के तहत फैक्ट्रीज, ट्रांस्पोर्टेशन और बाजार सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों के साथ खोल दिए गए हैं, जिनमें किसी प्रकार की संख्या निर्धारित नहीं की गई है। जबकि इसके उलट मस्जिदों को खोलने के लिए सिर्फ पांच लोगों को इबादत करने की अनुमति दी गई है।

उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने तथा बिना संख्या निर्धारण फिजिकल डिस्टेंसिंग की शर्त के साथ मस्जिदों में नमाज अदा करने की इजाजत देने की मांग की है।

बता दें रविवार की रात्रि मस्जिदों के मुतवल्लियों ने भी इसका विरोध किया था। इतना ही नहीं उन्होंने मस्जिदों को खोलने से मना करते हुए प्रशासन की ओर से भेजे गए शपथ पत्रों पर हस्ताक्षर करने से भी मना कर दिया था।

जगह के हिसाब से लोगों की संख्या तय करे सरकार: गोरा
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने धार्मिक स्थल में पांच लोगों की इजाजत दिए जाने को नाकाफी बताया है।

उनका कहना है कि सरकार फैसले पर पुनर्विचार करे और धार्मिक स्थलों की गुंजाईश देखकर लोगों की संख्या तय करें और उन्हें इबादतगाहों में जाने की अनुमति दे। कारी इस्हाक ने कहा कि धार्मिक स्थलों के जिम्मेदारों को चाहिए कि वे शासन प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पालन करें।


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