24 घंटे के अंदर लिए जाएंगे तीनों कृषि कानून वापस: तिवारी

24 घंटे के अंदर लिए जाएंगे तीनों कृषि कानून वापस: तिवारी
  • सहारनपुर में पत्रकारों से वार्ता करते राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी।

सहारनपुर [24CN]। कांग्रेस केंद्रीय वर्किंग कमेटी के सदस्य व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर 24 घंटे के अंदर तीनों काले कृषि कानून वापस लिए जाएंगे। सांसद प्रमोद तिवारी आज यहां अम्बाला गत्ता मिल कालोनी स्थित सहारनपुर देहात विधानसभा क्षेत्र के विधायक मसूद अख्तर के आवास पर पत्रकारों के साथ वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, स. भगतसिंह व रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां समेत अनेक आजादी के दीवानों ने अपने प्राण न्यौछावर जो आजादी दिलाई थी वह आज खतरे में है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार तीन कृषि कानून लाकर देश की आर्थिक आजादी को अडानी व अम्बानी जैसे पूंजीपतियों की तिजौरी में कैद करना चाहती है। उन्होंने कहा कि आखिर न्यूनतम समर्थन मूल्य को लोकसभा द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों का हिस्सा क्यों नहीं बनाया गया। किसानों की मांग है कि सरकार जो भी न्यूतम मूल्य तय करे उससे कम पर किसान की फसल को खरीदना कानूनन अपराध माना जाए।

उन्होंने कहा कि देश में कोई भी पूंजीपति अथवा व्यक्ति किसानों की उपज को कितना भी अधिक खरीद लेगा तो मंडियों का अस्तित्व क्या रह जाएगा, यह भी कृषि कानूनों में नहीं है।उन्होंने कहा कि अनुबंध पर खेती में अडानी जैसे पूंजीपति तय करेंगे कि किसानों को क्या बोना, कौन सा बीज डालना है और कब-कब फसल को पानी देना है। इसी तरह फसल तैयार होने पर पूंजीपतियों द्वारा बनाए गए मानक पर ही किसान का अनाज खरीदा जाएगा और यदि उनके मानक के हिसाब से कम हुआ तो फिर किसान कहां जाएगा।

श्री तिवारी ने कहा कि किसान का खेत अनुबंध पर होगा। किसान न तो उस पर कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीद सकेगा और न ट्यूबवैल लगा सकेगा। किसान एक तरह से अडानी व अम्बानी के हाथों की कठपुतली बनकर रह जाएगा।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अहंकार छोडक़र किसानों से सीधे वार्ता करके उनकी मांगें माननी चाहिए तथा इन काले कृषि कानूनों को निरस्त करके एक ऐसा कानून लाना चाहिए जिसमें देश व किसानों का हित हो सके।

उन्होंने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करके हुए कहा कि कांग्रेस के तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता श्रीमती प्रियंका गांधी के नेतृत्व में किसान आंदोलन का पूरा समर्थन करते हैं। वार्ता के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष चौ. मुजफ्फर अली गुर्जर, एआईसीसी मेम्बर जावेद साबरी, विधायक मसूद अख्तर, पूर्व विधायक सुरेंद्र कपिल, जिला महासचिव मनीष त्यागी भी मौजूद रहे।