फर्रूखाबाद: आजाद हुए सभी बच्चे, आरोपी ने ‘मांगपत्र’ में बताया- ‘नहीं मिला घर, टॉइलट’
हाइलाइट्स
- फर्रूखाबाद में 20 बच्चे बनाए गए थे बंधक, सब आजाद
- आरोपी सुभाष बाथम ने बताया, करता है मजदूरी का काम
- आरोप लगाया, सरकारी योजना में घर से प्रधान ने किया इनकार
- लंबे घटनाक्रम के बाद सभी बच्चों को छोड़ दिया गया
फर्रूखाबाद
उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद जिले में गुरुवार को हुई जिस घटना ने देशभर में खलबली मचा दी और सरकार के होश उड़ा दिए, उसमें बंधक बनाए गए सभी बच्चे आखिरकार छोड़ दिए गए हैं। बता दें कि यहां एक शख्स ने बर्थडे पार्टी का बहाना कर 20 बच्चों को बंधक बना लिया और जब उससे बातचीत करने की कोशिश की गई तो उसने गोली-बारूद चलाना शुरू कर दिया। हालांकि, उसने खत लिखकर इसके पीछे की वजह बताई और आखिरकार 11 घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद सभी बच्चों को छोड़ दिया।
खत भेजकर बताईं मांगें
आरोपी सुभाष के दोस्तों के जरिए पुलिस ने उससे बातचीत की। उसे बच्चों को छोड़ने के लिए मनाया जा रहा था जिसके बाद उसने 10 महीने के एक बच्चे को बाहर भेज दिया। इसके साथ ही उसने अपनी मांगों वाला एक खत भी भेजा। उसने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर और टॉइलट जैसी सहूलियतें देने से अधिकारियों ने इनकार कर दिया। माना जा रहा है इसी से आहत होकर उसने यह कदम उठाया है।
प्रधान ने कॉलोनी देने से किया इनकार
सुभाष ने खत में बताया है कि वह फर्रुखाबाद जिले के गांव करथिया में मोहम्मदाबाद थाने का रहने वाला है और मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन-पोषण करता है। उसने बताया है कि उसके गांव में कॉलोनी (सरकारी घर, प्रधानमंत्री आवास योजना) आई थी लेकिन प्रधान ने उसको कॉलोनी देने से मना कर दिया। सुभाष ने बताया है कि उसकी बूढ़ी मां है जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं।
अधिकारियों से कहा, नहीं हुई कार्रवाई
उसने आरोप लगाया है कि उसको शौचालय भी अभी तक नहीं मिला है। खुले में ही शौच जाना पड़ता है। उसने कई बार ग्राम प्रधान से कहा, सेक्रेटरी और दूसरे अधिकारियों से भी बात की लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसने डीएम को यह खत लिखकर अपनी मांग बताई और बाद में सभी बच्चों को छोड़ दिया।मौके पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी पहुंच चुके हैं। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल भी मौके पर मौजूद हैं।