लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों जुमे की नमाज के बाद हुई हिंंसा को देखते हुए आज यूपी में अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से निगरानी कर रही है। संवेदनशील जिलों में जहां तीन जून और दस जून को नमाज के बाद भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को जेल भेजनों को लेकर प्रदर्शन कर रही भीड़ ने उग्र होकर आगजनी और पथरावा किया वहां अतरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। कई जिलों में पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च भी किया।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद प्रयागराज, सहारनपुर, हाथरस सहित कई जिलों में हुई हिंसा के बाद सरकार इस बार और भी अधिक सतर्क हो गई है। सरकार ने 24 जून यानी आज जुमे की नमाज को लेकर प्रदेश भर में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
जिला व पुलिस प्रशासन को हर हाल में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा गया है। सभी संवेदनशील स्थलों पर वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। यहां सीसीटीवी कैमरे, वीडियो कैमरे व ड्रोन से निगरानी की जाएगी। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति होने पर पुलिस को कड़ाई से निपटने के निर्देश दिए गए हैं।
भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान के बाद से धर्म विशेष के लोग नाराज हैं। पिछले जुमे की नमाज के बाद एकत्रित भीड़ ने कई जगह पत्थरबाजी की थी। पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए सरकार इस बार ज्यादा सतर्क है। गुरुवार को गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी एवं पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने योजना भवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी मंडलों, जोन, रेंज एवं जनपदों की गहन समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की शिथिलता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें बताया गया कि प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने प्रदेश भर में सभी प्रमुख धर्म गुरुओं से संवाद कर शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग मांगा है। थाना स्तर पर पीस कमेटी की बैठकों का आयोजन किया गया है तथा सिविल डिफेंस के कर्मियों को भी शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अपर मुख्य सचिव व डीजीपी ने कड़ी सतर्कता बरतने तथा किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से कड़ाई से निपटने के निर्देश दिए है। सभी जिलों में पुलिस द्वारा फुट पेट्रोलिंग व अर्द्ध सैनिक बलों का फ्लैग मार्च करवाने के निर्देश दिए गए हैं। जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की गई है कि वह पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए समुचित पुलिस प्रबंधन की व्यवस्था करें। सभी वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण कर शांति व्यवस्था बनाए रखने के जरूरी प्रबंध सुनिश्चित करें।
बीते शुक्रवार को संवेदनशील जिलों के लिए 130 कंपनी पीएसी व 10 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) का बंदोबस्त किया गया था। संवेदनशील इलाकों और पूजा स्थलों पर रणनीति के तहत पुलिस की तैनाती की गई है। पुलिस अधिकारी शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मौलवियों और अन्य समूह के नेताओं के संपर्क में हैं।