एलन मस्क का बड़ा कदम: ट्रंप प्रशासन से खुद को किया अलग, सरकारी जिम्मेदारी से हटे

वाशिंगटन – मशहूर उद्योगपति और टेस्ला तथा स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन से खुद को औपचारिक रूप से अलग कर लिया है। उन्होंने यह फैसला विशेष सरकारी कर्मचारी के रूप में अपनी सेवा की अवधि पूरी होने के बाद लिया है। मस्क ने सोशल मीडिया पर इस बारे में जानकारी देते हुए ट्रंप को धन्यवाद कहा कि उन्हें सरकारी खर्चों में कटौती की दिशा में काम करने का अवसर मिला।
“विशेष सरकारी कर्मचारी के तौर पर मेरी नियुक्ति की समय-सीमा पूरी हो गई है। मैं राष्ट्रपति ट्रंप को यह मौका देने के लिए धन्यवाद देता हूं कि मैं फिजूलखर्ची कम करने के प्रयासों में योगदान दे सका। DOGE मिशन समय के साथ और मजबूत होगा क्योंकि यह सरकारी कार्यप्रणाली का अभिन्न हिस्सा बनेगा,” – एलन मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा।
ट्रंप ने दी थी सरकारी दक्षता सुधारने की जिम्मेदारी
जब डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी में राष्ट्रपति पद संभाला था, तब उन्होंने मस्क को एक नवगठित विभाग – डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का नेतृत्व सौंपा था। इस विभाग का उद्देश्य था सरकारी खर्चों को नियंत्रित करना और कार्यप्रणाली में दक्षता लाना। अब एक व्हाइट हाउस अधिकारी ने पुष्टि की है कि मस्क की “ऑफबोर्डिंग” प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है।
मस्क की ‘बड़े खर्च वाले बिल’ पर नाराज़गी
हाल ही में मस्क ने ट्रंप प्रशासन के एक प्रमुख आर्थिक प्रस्ताव – जिसे ट्रंप ने “Big Beautiful Bill” कहा था – की कड़ी आलोचना की थी। मस्क ने इस विधेयक को “बड़ा व्यय बिल” बताया और कहा कि यह संघीय घाटे को बढ़ाता है और उनके DOGE विभाग के प्रयासों को कमजोर करता है।
ब्रांड छवि पर असर की चेतावनी
इस फैसले के बाद मस्क को लेकर कुछ आलोचनाएं भी सामने आई हैं। अमेरिका के प्रसिद्ध मार्केटिंग विशेषज्ञ और उद्यमी स्कॉट गैलोवे ने मस्क पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिकी सरकार से जुड़कर अपने ब्रांड की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है।
“मस्क ने गलत लोगों के साथ हाथ मिलाकर टेस्ला के ग्राहकों से खुद को दूर कर लिया,” – स्कॉट गैलोवे, पॉडकास्ट ‘पिवोट’ में।
ट्रंप के चर्चित फैसले
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण और विवादित फैसले लिए हैं, जिनमें शामिल हैं:
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कुछ देशों पर टैरिफ लगाना
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विदेशी छात्रों को लेकर कठोर नीतियां
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WHO से अमेरिका को अलग करना
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शरणार्थियों और आप्रवासियों पर रोक
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रूस-यूक्रेन विवाद में सक्रिय भूमिका
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थर्ड जेंडर को लेकर नीतिगत बदलाव