लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की सेना में भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ‘ के प्रति नौजवानों में व्यापक आक्रोश दिखाई दे रहा है। देश-प्रेम की भावना के साथ मेहनत कर कई वर्षों से तैयारी करने वाले युवाओं को सेना में भर्ती के नाम पर भाजपा सरकार ने चार साल का धोखा दिया है। सरकार के खिलाफ युवा शक्ति का एकजुट होना साबित करता हैं कि इनके सब्र का बांध टूट गया है।
सत्ता के नशे में चूर भाजपा सरकार को यह दिखाई नहीं दे रहा है कि देश के कई प्रदेशों में भड़की विरोध की ज्वाला युवा विरोधी सत्ता को भस्म कर देगी।अखिलेश ने कहा कि पिछले कई साल से सेना में भर्ती नहीं हो पाई है। जो भर्तियां हुईं वह भी कोविड से प्रभावित हो गईं। अब उन्हें निरस्त किया जा रहा है। इसमें जो लोग पास हो चुके हैं, जिनका मेडिकल हो चुका है, उन्हें भी अब चार साल के लिए नौकरी मिलेगी। फिर चार साल के बाद क्या होगा ? यह घोर अन्याय है।
अखिलेश ने कहा कि आज देश की स्थिति इतनी विकराल है कि सेना जैसी अति संवेदनशील जगह में संविदा पर सैनिक रखे जा रहे हैं। सपा अध्यक्ष ने सरकार से प्रश्न किया कि विवादित भर्ती योजना ‘अग्निपथ‘ से नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है? देश की सुरक्षा कोई अल्पकालिक या अनौपचारिक विषय नहीं है। यह अति गंभीर और दीर्घकालिक नीति की अपेक्षा करती है।
सपा अध्यक्ष ने गुजरात की प्रदेश कार्यकारिणी की गठित: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुजरात में सपा की प्रदेश कार्यकारिणी गठित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अब गुजरात माडल का छलावा जनता के सामने लाएगी। उन्होंने कहा कि पांच महानगरों के अतिरिक्त पूरा गुजरात बंजर और उजाड़ है। पांच प्रतिशत चकाचौंध के अतिरिक्त बाकी 95 प्रतिशत गुजरात अंधकार में डूबा हुआ है। गांव में सड़कें नहीं है।
बिजली का संकट बरकरार है। चिकित्सा व्यवस्था बदहाल है। ठेकेदारी प्रथा से आंशिक रोजगार मिला है। सपा अध्यक्ष ने गुजरात में पार्टी की कमान वडोदरा निवासी देवेन्द्र उपाध्याय को सौंपी है। अभिलाष धनेशा, विजय कुमार यादव व अहीर मयूर सोलंकी को उपाध्यक्ष बनाया गया है। प्रमुख महासचिव के पद पर राम सेवक साहनी व कोषाध्यक्ष हसीब अंसारी को बनाया गया है। महासचिव के पद पर किरन कन्सारा, भीखा भाई हरभा एवं अरविन्द चौबे नामित हुए हैं।
इनके अलावा प्रदेश कार्यकारिणी में 25 सचिव और 67 सदस्य बनाए गए हैं। अखिलेश ने कहा कि गुजरात में भाजपा के सत्ताकाल के 25 वर्ष घोर निराशाजनक रहे हैं। किसानों-नौजवानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की आय में दो दशकों में कोई गुणात्मक अंतर नहीं आया है। सूरत, बड़ौदा, अहमदाबाद, गांधीनगर, जामनगर, राजकोट सहित पूरे गुजरात में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नही है।