लखनऊ। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) तथा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (PSPL) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के बीच बढ़ी तल्खी के बीच में सपा मुखिया ने बड़ा कदम उठाया है। उनका यह कदम डैमेज कंट्रोल के रूप में भी देखा जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 19 सितंबर से होने जा रहे विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon Session) में चाचा शिवपाल सिंह यादव के लिए आगे की सीट मांगी है। इटावा के जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव के लिए अखिलेश यादव ने बड़ी पहल की है।
अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष (UP Speaker) सतीश महाना (Satish Mahana) को पत्र लिखकर वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव के लिए विधानसभा में अग्रिम पंक्ति की सीट आरक्षित करने का अनुरोध किया है। शिवपाल यादव चाहते हैं कि विधानसभा में उनको बैठने के लिये पहली पंक्ति में जगह मिले। समाजवादी पार्टी ने भी उनकी मांग का समर्थन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से यह मांग मानने का आग्रह किया है।
सियासी संभावनाओं ने काफी तूल पकड़ लिया
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के शिवपाल सिंह यादव के लिए अग्रिम पंक्ति की सीट के लिए मांगने के बाद से ही सियासी संभावनाओं ने काफी तूल पकड़ लिया है। अखिलेश यादव ने विधानसभा में चाचा शिवपाल के लिए आगे की सीट की मांग कर सियासी कवायदों को हवा दे दी है।
बढ़ती दूरी को कम करने का प्रयास
यह अखिलेश यादव ने अपने और प्रासपा प्रमुख शिवपाल यादव के बीच बढ़ती दूरियों को कम करने की कवायद की है। लम्बे समय से शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच चल रही तल्खी के बीच अचानक ही अखिलेश यादव चाचा शिवपाल पर मेहरबान हो गए हैं।
अखिलेश ने विधानसभा में चाचा के लिए आगे की सीट मांगी है। सिर्फ बातों में ही नहीं, बल्कि अखिलेश ने बाकायदा विधानसभा में नेता विरोधी दल की हैसियत से स्पीकर सतीश महाना को पत्र लिख है कि शिवपाल सिंह यादव को प्रथम पंक्ति में सीट दी जाए।
शिवपाल लगा रहे हैं अनदेखी का आरोप
शिवपाल सिंह यादव ने बीते दिनों लगातार अखिलेश यादव पर पार्टी के पुराने नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद शिवपाल सिंह ने अक्सर ही अखिलेश यादव को निशाने पर ले उन्हें अपनी अनदेखी और सम्मान ना देने की बात कही है।
डैमेज कंट्रोल करने के लिए ऐसा फैसला
राजनितिक विषेशज्ञों का मनना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से अखिलेश ने चाचा शिवपाल से बनी दूरियों को कम करने और रिश्तों को लेकर डैमेज कंट्रोल करने के लिए ऐसा फैसला लिया। यह भी माना जा रहा है कि चाचा शिवपाल की इज्जत बढ़ाने के लिए भतीजे अखिलेश ने यह बड़ी पहल की है।
अब देखना है कि शिवपाल पर इसका क्या असर होता है। इन दिनों जिस तरीके से शिवपाल आये दिन अखिलेश पर निशाना साध रहे हैं, ऐसा नहीं लगता है कि शिवपाल की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिकिया दी जाएगी।