योगी सरकार की मंत्री का अपनी ही पुलिस के खिलाफ धरना, अखिलेश ने साधा निशाना

योगी सरकार की मंत्री का अपनी ही पुलिस के खिलाफ धरना, अखिलेश ने साधा निशाना
सपा मुखिया अखिलेश यादव

कानपुर: जिले के अकबरपुर थाने में पुलिस के खिलाफ यूपी सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला धरने पर बैठ गई। हालांकि अब उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया है। इसके बावजूद उनका धरना सुर्खियों में बना हुआ है। दरअसल, मंत्री प्रतिभा शुक्ला अपने कार्यकर्ताओं पर दर्ज एससी-एसटी एक्ट के मुकदमे की जांच के साथ ही कोतवाल और चौकी इंचार्ज को हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठी थीं। वह अकबरपुर थाने में छह घंटे तक धरने पर बैठी रहीं। वहीं देर शाम जिले के अधिकारियों की जांच के आश्वासन पर प्रतिभा शुक्ला ने धरना खत्म किया। इधर योगी सरकार की मंत्री के अपनी ही पुलिस के खिलाफ धरने पर समाजवादी पार्टी प्रमुख खिलेश यादव ने तंज कसा है।

किस बात पर नाराज हुईं मंत्री? 

दरअसल, अकबरपुर क्षेत्र के बदलापुर में पुलिस लाइन के पीछे विधायक फंड से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। इसे स्थानीय सभासद ने रुकवा दिया। सूचना सूचना मिलने पर मौके पर राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला पहुंची और सड़क बनवाना फिर से शुरू कराया। इधर ठेकेदार ने सभासद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया तो अगले दिन सभासद के समर्थक ने राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के पांच कार्यकर्ताओं पर भी क्रॉस FIR दर्ज करा दी। इसी बात से राज्यमंत्री नाराज थीं। मंत्री ने आरोप लगाया कि थानेदार ने बदतमीज़ी की और उनके कार्यकर्ताओं पर झूठा मामला दर्ज किया।

सपा प्रमुख ने साधा निशाना

कानपुर के अकबरपुर थाने में अपनी ही सरकार की पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठीं यूपी सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने पुलिस पर झूठा मुकदमा लिखने और बदतमीजी का आरोप लगाया। उन्होंने कोतवाल और लालपुर चौकी इंचार्ज को हटाने की मांग पर अड़ गईं। शाम होते-होते उनके पति भी समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। इस बीच विपक्ष को योगी सरकार पर तंज कसने का मौका मिल गया। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, “सत्ताधारी राज्यमंत्री महोदया खुद ही अपनी पुलिस की करतूतों के खिलाफ धरना दे रही हैं, मुख्यमंत्री जी को कुछ और सबूत चाहिए क्या।

भाजपा जाएगी तो पुलिस व्यवस्था आएगी।”

शेयर किया वीडियो

अपने पोस्ट के साथ अखिलेश यादव ने मंत्री के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी का एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें अनिल शुक्ला फोन पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से बात करते दिख रहे हैं। इसमें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “आप कहें तो हम लोग राजनीति छोड़ दें या फिर फांसी पर लटक जाएं। आपको डिप्टी सीएम इसलिए बनाया गया ना, कि आप ब्राह्मणों की रक्षा करेंगे ,लेकिन यहां ब्राह्मणों पर फर्जी मुकदमे लिखे जा रहे हैं। उनको गालियां दी जाएं और हम लोग सब उनको वोट देते रहें। ऐसे तो नहीं चलेगा।”

कार्रवाई के आश्वासन पर समाप्त किया धरना

मंत्री के धरने और उस पर शुरू हुई सियासत के बीच कानपुर देहात के एसपी अरविंद मिश्रा जिले के डीएम के साथ थाने पहुंचे। उन्होंने मंत्री के साथ ही उनके पति को मनाने की कोशिश की। चौकी इंचार्ज पर एक्शन लेते हुए लाइन हाजिर कर दिया गया, जिसके बाद मंत्री और उनके पति ने धरना खत्म किया। जांच के भरोसे पर मंत्री प्रतिभा शुक्ला मान गई। उन्हें एसपी ने जांच का भरोसा दिया है। हालांकि यूपी सरकार की मंत्री भले ही मान गई हों, लेकिन एक मंत्री का अपने ही सिस्टम के खिलाफ धरना देने की घटना ने विपक्ष को बैठे- बिठाए सरकार को घेरने का मौका दे दिया है।


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