कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्या की मांग पर बोले अखिलेश, ‘जानबूझकर अपमान कराया जा रहा है.’

यूपी के झांसी में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पोषण आहार मंत्री बेबी रानी मौर्य के साथ थाना प्रभारी आनन्द सिंह द्वारा अभद्रता का मामला सामने आया था जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है. इसी बीच मामले पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने बयान दिया है.
अखिलेश यादव ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य का अपमान कराया जा रहा है. वहीं उन्होंने एक चौंकाने वाली बात भी कही है. जिससे सूबे की सियासत गरमा गई है.
बेबी रानी मौर्य पर क्या बोले अखिलेश यादव?
कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य के साथ हुई अभद्रता पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अखिलेश यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला है और कहा है कि, ‘कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य का जानबूझकर अपमान कराया जा रहा है.’
वहीं इसके अलावा उन्होंने कहा कि, ‘वह राज्यपाल थी उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन सिर्फ कैबिनेट मंत्री बनाकर छोड़ दिया.’ अखिलेश के इस बयान से अब सियासत तेज हो गई है.
पूरे मामले पर एक नजर
उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी भाजपा सरकार में ही आंतरिक कलह का नया दौर जारी है. अपनी ही सरकार में विधायकों और मंत्रियों की भी नहीं सुन रही पुलिस. जी हां अब ताजा मामला महिला कल्याण, बाल विकास एवं पोषण आहार मंत्री बेबी रानी मौर्य का है.
जिसमें उन्हें झांसी दौरे के दौरान सीपरी बाजार थाना प्रभारी पर अभद्रता का आरोप लगाया है. जिसके बाद उन्होंने डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है, जो कि सोशल मीडिया पर वायरल है.
मंत्री ने किया था दावा
मंत्री ने दावा किया कि थाना प्रभारी आनन्द सिंह ने उनके साथ अभद्रता की और विधायक राजेश सिंह ‘रविश’ के साथ भी दुर्व्यवहार किया. इस घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या यूपी पुलिस अब मंत्रियों को भी कुछ नहीं समझती?
मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बुधवार (10 सितंबर) को पत्रांक 243 के तहत प्रमुख सचिव गृह विभाग और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने 1 सितंबर को झांसी भ्रमण के दौरान की घटना का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि प्रभारी मंत्री के रूप में झांसी पहुंचने पर विधायक राजेश सिंह ‘रविश’ ने उनसे शिकायत की कि थाना प्रभारी आनंद सिंह उनके साथ दुर्भावनापूर्ण व्यवहार करते हैं, बात नहीं सुनते और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हैं.
मंत्री ने तत्काल निलंबन और जांच की मांग की
मंत्री ने आनंद सिंह को बुलाकर पूछताछ की, लेकिन वह बातचीत के दौरान और आक्रामक हो गए. मौर्य ने पत्र में लिखा कि आप जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं करते और किसके लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हो? विधायक ने तत्काल निलंबन और विभागीय जांच की मांग की, जिसे मंत्री ने समर्थन दिया.
मंत्री ने पत्र में स्पष्ट कहा कि आनंद सिंह का व्यवहार न केवल विधायक बल्कि उनके साथ भी असम्मानजनक था. उन्होंने गृह विभाग से त्वरित अनुशासनात्मक कार्रवाई की अपेक्षा जताई, अन्यथा यह पुलिस की मनमानी का उदाहरण बनेगा.
प्रतिलिपि अपर पुलिस महानिदेशक, कानपुर जोन को भेजी गई है, जहां तत्काल जांच और रिपोर्ट की मांग की गई. यह घटना भाजपा सरकार के अंदर पुलिस की बढ़ती बेलगामी को दर्शाती है, जहां मंत्री स्तर पर भी शिकायतें हो रही हैं.
