‘उपचुनाव में हार के बाद बौखलाए अखिलेश’: केशव मौर्य का सपा पर गंभीर आरोप
लखनऊ: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया है। उपचुनाव में हार के बाद सपा पर प्रदेश में अशांति और अराजकता फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अपनी राजनीतिक असफलता को छुपाने के लिए प्रदेश के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
सपा पर ‘अराजकता’ फैलाने का आरोप
केशव मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सपा अध्यक्ष और उनके समर्थक उपचुनाव में हार से बौखला गए हैं। जनता ने उनके सत्ता के सपने तोड़ दिए हैं। अब सपा प्रदेश में दंगा और अराजकता फैलाने की साजिश रच रही है। संभल में हुई हिंसा इसका उदाहरण है।” उन्होंने सपा के ‘फर्जी पीडीए’ (प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस) पर निशाना साधते हुए इसे हिंसा का सूत्रधार बताया।
‘सपा होगी सफा’
केशव मौर्य ने स्पष्ट किया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू कर रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “गुंडों और दंगाई तत्वों को समझ लेना चाहिए कि उनकी चालें अब सफल नहीं होंगी। अराजकता फैलाने वालों के लिए यूपी में कोई जगह नहीं है। सपा को जनता ने नकार दिया है, और प्रदेश विकास व समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ता रहेगा।”
संभल हिंसा पर सपा की प्रतिक्रिया
संभल हिंसा को लेकर सपा ने योगी सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने सोशल मीडिया के जरिए मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही सपा ने सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
अखिलेश यादव का बयान
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि संभल हिंसा सरकार और प्रशासन की नाकामी का नतीजा है। उन्होंने आरोप लगाया, “हिंसा सरकार और प्रशासन के द्वारा कराई गई। अगर पहले से तैयारी होती, तो इतनी बड़ी घटना न होती। भाजपा सरकार जनता को न्याय दिलाने में असफल रही है।”
क्या है संभल हिंसा का मामला?
संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई थी। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया था। सपा ने इसे भाजपा सरकार की लापरवाही करार दिया, जबकि भाजपा ने सपा पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।
प्रदेश में बढ़ा सियासी तापमान
उपचुनाव की हार के बाद भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। जहां भाजपा इसे सपा की राजनीतिक बौखलाहट बता रही है, वहीं सपा इसे भाजपा सरकार की नाकामी करार दे रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है।