भारत की वनडे टीम में शामिल होना चाहते हैं अजिंक्य रहाणे, दिया अच्छे रिकॉर्ड का हवाला
नई दिल्ली । भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से जीत दिलाने वाले और अपनी कप्तानी में कभी न हारने वाले कप्तान अजिंक्य रहाणे की निगाहें भारत की वनडे टीम में शामिल होने की है। अजिंक्य रहाणे लंबे समय से सीमित ओवरों की क्रिकेट से बाहर हैं, लेकिन उनको टेस्ट क्रिकेट में उपकप्तान के तौर पर मौका मिलता है। दैनिक जागरण के खेल संपादक अभिषेक त्रिपाठी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कई खुलासे किए हैं।
इस लंबे इंटरव्यू में अजिंक्य रहाणे से जब पूछा गया कि क्या अभी भी आपकी नजर वनडे टीम में स्थायी जगह बनाने पर है? इसके जवाब में रहाणे ने कहा, “फिलहाल टेस्ट टीम पर ही मेरा ध्यान केंद्रित है। मेरा वनडे में रिकॉर्ड अच्छा रहा है। अच्छा प्रदर्शन करते हुए वनडे में भी अपनी जगह पक्की करने का प्रयास करूंगा।” बता दें कि अजिंक्य रहाणे ने अपना आखिरी वनडे मैच भारतीय टीम के लिए 16 फरवरी 2018 को खेला था। 90 वनडे मैच उन्होंने खेले हैं, लेकिन अब उनको वनडे टीम के लिए कंसीडर नहीं किया जाता है।
90 वनडे मैचों की 87 पारियों में उन्होंने 35 से ज्यादा के औसत से 2962 रन बनाए हैं, जिसमें 3 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं। वनडे क्रिकेट में उनका स्ट्राइकरेट 80 के करीब का है। 2011 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू करने वाले अजिंक्य रहाणे उस समय लगातार भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे, लेकिन बाद में कप्तान विराट कोहली ने उन्हें सिर्फ ओपनर के तौर पर देखा और उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया। वहीं, अजिंक्य रहाणे मानते हैं कि वे वनडे टीम में मध्य क्रम में भी बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं।
इसके अलावा इस साक्षात्कार में उनसे पूछा गया कि क्या क्या भारतीय टीम के इस प्रदर्शन ने टेस्ट क्रिकेट को जिंदा कर दिया है? इस पर उन्होंने कहा, “जिन देशों में दर्शक टेस्ट क्रिकेट देखने मैदान में नहीं आते ऐसे प्रदर्शन उन्हें वापस मैदान की ओर खींचेंगे। अब सांसें रोक देने वाली टेस्ट सीरीज हो रही हैं। ड्रॉ मैचों की संख्या कम हो गई है और फैसले आने लगे हैं। जो खिलाड़ी आइपीएल खेलकर आ रहे हैं वे टेस्ट में भी जीत के लक्ष्य के साथ जा रहे हैं। भारत ने भी एक बेंचमार्क सेट कर दिया है कि बड़े से बड़े खिलाड़ी के चोटिल होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया जा सकता है। हमने ऑस्ट्रेलिया में तिरंगा लहराकर बता दिया है कि टेस्ट क्रिकेट भी रोमांचक हो सकता है। हमें एक भारतीय के तौर पर इस बात का गर्व है कि टेस्ट को आगे ले जाने का नेतृत्व हम कर रहे हैं। 2016 में न्यूजीलैंड और भारत के बीच इंदौर में टेस्ट के दौरान मैंने स्टेडियम फुल देखा था। इंग्लैंड में टेस्ट मैचों के दौरान काफी दर्शक होते हैं। अगर ऐसे परिणाम आते रहे तो जो लोग टेस्ट क्रिकेट से दूर जा रहे हैं वे मैदान में वापस आएंगे।”
टीम की बेंच स्ट्रेंथ के बारे में क्या कहेंगे और इसके पीछे किसके योगदान को देखते हैं? इस सवाल के जवाब में रहाणे ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि हमारे पास बेहतरीन बेंच स्ट्रेंथ है जिसका मुजाहिरा आपने देख लिया। शुभमन गिल प्रथम श्रेणी और आइपीएल में ढेरों रन बना कर आए हैं। उनकी बल्लेबाजी में आपको कोई दबाव नहीं दिखाई दिया होगा। अपनी पहली सीरीज खेल रहे सिराज को पता नहीं था कि सीरीज के अंत में उनको मुख्य गेंदबाज की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी। आखरी टेस्ट में जिस तरह से उन्होंने गेंदबाजी की उसे देख कर साफ पता चलता है की हमारी बेंच स्ट्रेंथ विकट परिस्थितियों में कितनी जल्दी अपने आपको सफल परिणाम देने के लिए ढाल लेती है। वही हाल नवदीप सैनी और टी. नटराजन का भी रहा। इसका श्रेय भारत-ए टीम के लगातार दौरे और आइपीएल को भी जाता है। इन सभी खिलाडि़यों ने भारत-ए में रहते हुए कई दौरे किए और अनुभव प्राप्त किया। आइपीएल में विदेशी खिलाडि़यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खेला। ऐसे में वे अब पहले अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में भी नर्वस महसूस नहीं करते हैं।”