दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट गहराया, कई इलाकों में AQI 350 से ऊपर, स्वास्थ्य पर बढ़ा खतरा
नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति शनिवार को अत्यधिक खराब हो गई, जब राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 360 तक पहुंच गया, जो ‘अत्यधिक खराब’ श्रेणी में आता है। प्रदूषण के इस स्तर के कारण दिल्लीवासियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर के चलते लोगों को सुबह की सैर से बचने और बाहर निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में AQI स्तर:
- आनंद विहार – 393 (अत्यधिक खराब)
- अशोक विहार – 382 (अत्यधिक खराब)
- अलीपुर – 386 (अत्यधिक खराब)
- बवाना – 409 (गंभीर)
- बुराड़ी – 354 (अत्यधिक खराब)
- मथुरा रोड – 333 (खराब)
- द्वारिका – 360 (अत्यधिक खराब)
- आईजीआई एयरपोर्ट – 345 (अत्यधिक खराब)
- जहांगीरपुरी – 389 (अत्यधिक खराब)
- आईटीओ – 324 (खराब)
- लोधी रोड – 310 (खराब)
- मुंडका – 376 (अत्यधिक खराब)
- मंदिर मार्ग – 340 (अत्यधिक खराब)
- ओखला – 370 (अत्यधिक खराब)
- पटपड़गंज – 388 (अत्यधिक खराब)
- पंजाबी बाग – 389 (अत्यधिक खराब)
- रोहिणी – 401 (गंभीर)
- विवेक विहार – 383 (अत्यधिक खराब)
- वजीरपुर – 397 (गंभीर)
- नजफगढ़ – 385 (अत्यधिक खराब)
- नोएडा – 257 (खराब)
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि दिल्ली के कई इलाके ‘अत्यधिक खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में आ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी रोगों से ग्रस्त लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक है, और इन लोगों को बाहर की गतिविधियों से बचना चाहिए।
प्रदूषण के मुख्य कारण:
दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ने का प्रमुख कारण आसपास के राज्यों में पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला धुआं, और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल है। अक्टूबर-नवंबर के महीनों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे हवा में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ जाती है और दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है। वाहन प्रदूषण और ठंड के मौसम में धूल के कण भी इस समस्या को और गंभीर बना देते हैं।
दिल्ली की इस विषम स्थिति को देखते हुए सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे आवश्यक सावधानियों का पालन करें।