कृषि मंत्री तोमर ने सुझाया वार्ता का फॉर्मूला, कहा- किसान इस पेशकश पर करें विचार तब करेंगे बातचीत

कृषि मंत्री तोमर ने सुझाया वार्ता का फॉर्मूला, कहा- किसान इस पेशकश पर करें विचार तब करेंगे बातचीत

नई दिल्ली । केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के मसले पर बड़ी बात की है। केंद्रीय कृषि मंत्री  ने बुधवार को कहा कि यदि आंदोलन कर रहे किसान नेता नए कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और इस दौरान संयुक्त समिति के माध्यम से मतभेद सुलझाने की केंद्र सरकार की पेशकश पर विचार करने को तैयार हों तो सरकार उनके साथ बातचीत को तैयार है।

एक कार्यक्रम से केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार किसानों और उनके कल्याण को लेकर प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने की कोशिशें कर रही है।

केंद्रीय कृषि मंत्री भारतीय किसान यूनियन  नेता राकेश टिकैत की धमकी के सिलसिले में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदना के साथ चर्चा करती रही है। जब भी उनकी ओर से कोई पेशकश आएगी तो भारत सरकार हमेशा बातचीत करने को तैयार है।

गौरतलब है कि राकेश टिकैत ने चेतावनी दी है कि यदि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ संसद तक मार्च निकाला जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री से इसी बारे में पूछा गया था कि क्‍या सरकार किसानों के साथ बातचीत शुरू करने का प्रयास कर रही है या नहीं…

सरकार और असंतुष्‍ट किसानों नेताओं के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि अब तक इस बातचीत का जमीन पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। अंतिम बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। इसके बाद 26 जनवरी के दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान भारी हिंसा हुई थी। इसके बाद दोनों पक्षों में बातचीत बंद हो गई। बता दें कि कुछ किसान संगठन नए कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर नवंबर के अंत से आंदोलन कर रहे हैं।

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