आगरा : डंपर ने 9 माह की गर्भवती को कुचला, सड़क पर ही जन्मी बच्ची और रोई… पर संभालने को जिंदा न बची मां
- Firozabad News फिरोजाबाद में डंपर ने रौंद दी थी बाइक पर पति के साथ जा रही गर्भवती मौत से पहले सड़क पर ही दिया बच्ची को जन्म। जिसने सुनी घटना पर नीयति को कोसता रहा। सदमे में परिवार नवजात की हालत ठीक।
आगरा। मां के गर्भ में नवां महीना पूरा कर रही नवजात ने आंखें खोली उसी समय मां की आंखें हमेशा के लिए मुंद गईं। फिरोजाबाद में डंपर से कुचली मां खून से सनी हुई पड़ी थी और नवजात के रोने के आवाज शुरू हुई। दर्दनाक घटना के बारे में जिसने सुना, वह नीयति को कोसता रहा।
फिरोजाबाद के नारखी के कोटला की रहने वाली 20 वर्षीय कामिनी की शादी डेढ़ वर्ष पूर्व आगरा के मलपुरा थाना क्षेत्र के चमोली निवासी राजू के साथ हुई थी। कामिनी गर्भवती हुई तो परिवार में खुशियां छाई। गर्भावस्था की जांच के दौरान डाक्टर ने सब ठीक बताया था। प्रसव की संभावित तारीख 25 जुलाई दी गई थी, लेकिन उससे पहले दुर्घटना हो गई। मायके और ससुराल वालों को रो-रोकर बुरा हाल था।
डंपर ने रौंद दी गर्भवती महिला
दर्दनाक हादसा बुधवार दोपहर 12 बजे का है। डेढ़ साल पहले आगरा के मलपुरा थाना क्षेत्र के चमोली में ब्याही 20 साल की कामिनी नौ माह की गर्भवती थी। बुधवार को वह अपने पति राजू के साथ बाइक पर बीमार चाचा को देखने मायके कोटला नारखी आ रही थी। गांव बरतरा के निकट राजू ने आगे चल रहे डंपर को ओवरटेक कर रहा था, उसी दौरान पीछे से दूसरी बाइक पर आ रहे युवक ने उसकी बाइक में टक्कर मार दी। इससे राजू की बाइक अनियंत्रित हुई और कामिनी गिरकर डंपर के पहिए के नीचे आकर कुचल गई। वहीं उसका पति राजू दूसरी तरह गिरा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महिला के कुचलते ही प्रसव हो गया और बच्ची के रोने की आवाज आने लगी। यह देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए। आनन-फानन में पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी गई। एम्बुलेंस से नवजात को सरकारी ट्रामा सेंटर लाया गया और उपचार शुरू कराया। वहीं कामिनी का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया। इंस्पेक्टर फतेहबहादुर सिंह ने बताया कि चालक डंपर को छोड़कर भाग गया है। डंपर को कब्जे में लेते हुए चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
भतीजी की मौत के सदमे में चल बसा चाचा
कैंसर से पीड़ित चाचा कालीचरन को देखने के लिए कामिनी मायके आ रही थी, भतीजी की मौत के सदमे में वे भी चल बसे। कामिनी के चाचा को कैंसर था और पिछले एक सप्ताह से हालत बिगड़ रहीं थी। इसके चलते वह उन्हें देखने के लिए जिद पर अड़ी थी। उसका कहना था कि प्रसव के बाद वह नहीं जा पाएगी। इधर, भतीजी की मौत के बाद शाम साढ़े सात बजे चाचा कालीचरन की मौत भी हो गई।
ये ईश्वर का चमत्कार है
नवजात का इलाज कर रहे मेडिकल कालेज के बाल राेग विभागाध्यक्ष डा. एलके गुप्ता का कहना है महिला डंपर से कुचल गई। गिरने से पेट पर दबाव पड़ने के कारण बच्ची गर्भाशय से बाहर निकल आई। जिस तरह की घटना है, उसमें बच्ची का बचना ईश्वर का चमत्कार है। बच्ची को नाल सहित लाया गया था। तत्काल उसे उपचार दिया गया, फिलहाल वह ठीक है।