हैदराबाद। देश के कई राज्यों में अग्निपथ स्कीम का विरोध और तेज हो रहा है। सोमवार को इस स्कीम के विरोध में भारत बंद बुलाया गया है। भारत बंद को देखते हुए कई राज्यों में सुरक्षा सख्त की गई है। 17 जून को इस स्कीम के विरोध में कई राज्यों में आगजनी की घटनाएं हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को फूकं डाला था। तेलंगाना के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर भी एक ट्रेन में आग लगा दी गई थी।
पूर्व नियोजित थी सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन की घटना
सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हुई आगजनी की घटना के पीछे साजिश का पर्दाफाश हुआ है। खुलासा हुआ है कि सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर 17 जून की हिंसा पूर्व नियोजित थी और कोचिंग सेंटरों के मालिकों ने युवाओं को भड़काने में अहम भूमिका निभाई थी। रेलवे पुलिस की जांच में पता चला है कि हिंसा में शामिल युवक तेलंगाना के विभिन्न हिस्सों से हैदराबाद पहुंचा था। एक दिन पहले ही पेट्रोल से भरी बोतलें लाई गई थीं।
हिंसा से पहले हुई थी रेकी
स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज से यह भी पता चलता है कि प्रदर्शनकारियों ने हिंसा से पहले रेकी की थी। एक अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारी तीन तरफ से स्टेशन में घुसे। 300 युवा उग्र हो गए थे। 1,500 से अधिक प्रदर्शनकारी बाद में उनका समर्थन करने के लिए शामिल हो गए। रेलवे पुलिस की जांच के बाद कई कोचिंग संस्थानों के मालिकों को गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि 14 जून को अग्निपथ स्कीम का एलान किया गया था। इस भर्ती योजना के एलान के बाद से ही इसका विरोध हो रहा है। विरोध को देखते हुए सेना ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस की थी। सेना ने साफ कर दिया कि ये योजना किसी भी हालत में वापस नहीं होगी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहले अनुशासन जरूरी है ऐसे में युवाओं को शांत होकर इसे समझने की जरूरत है।