जंग खत्म होने के बाद इजरायल ने ईरान को धमकाया, कहा- ‘एनरिच यूरेनियम वापस करो वरना…’

जंग खत्म होने के बाद इजरायल ने ईरान को धमकाया, कहा- ‘एनरिच यूरेनियम वापस करो वरना…’

इजरायल और ईरान के बीच जंग तो खत्म हो गई है लेकिन स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है। इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने बड़ा बयान देते हुए एक तरह से ईरान को चेतावनी दे डाली है। काट्ज ने साफ कहा है कि ईरान को खतरनाक स्तर तक संवर्धित (एनरिच) किए गए यूरेनियम को वापस करना होगा। एनरिच यूरेनियम से ही परमाणु बम बनाया जा सकता है।

‘ईरान को सौंपना होगा एनरिच यूरेनियम’

इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा है कि अमेरिका और इजरायल की ओर से ईरान को संयुक्त रूप से यह संदेश दिया गया है कि उसे अपना एनरिच यूरेनियम सौंपना होगा। माना जाता है कि ईरान अपने यूरेनियम को 60 फीसदी तक एनरिच कर चुका था। अगर यह  स्तर 90 प्रतिशत तक पहुंच जाता तो ईरान परमाणु बम बनाने में सक्षम हो जाता।

इजरायल ने ईरान पर क्यों किया हमला?

काट्ज ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि इजरायल ने ईरान पर जो हमले किए हैं, उनका मकसद उसकी परमाणु क्षमता को कमजोर करना था। उन्होंने यह दावा भी किया कि अब ईरान के पास ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे वह यूरेनियम को परमाणु बम बनाने के लिए इस्तेमाल कर सके। काट्ज ने कह कि ईरान की उस ट्रांसफर फैसिलिटी को भी नष्ट कर दिया गया है जहं ऐसा करना मुमकिन था।

कहां है ईरान का एनरिच यूरेनियम?

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप के खुफिया विशेषज्ञों का मानना है कि हमलों के बावजूद ईरान का एनरिच यूरेनियम भंडार अब भी काफी हद तक सुरक्षित है। काट्ज ने भी इंटरव्यू के दौरान कहा है कि इजरायल को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि ईरान ने अपना एनरिच यूरेनियम कहां छिपा रखा है। इससे चिंता और बढ़ गई है कि कहीं ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार बनाने की तैयारी तो नहीं कर रहा है।

इजरायल के टारगेट पर थे खामेनेई

द इजरायल टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक रक्षा मंत्री काट्ज ने चैनल 13 को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा कि ईरान से जंग दौरान इजरायली सेना की योजना ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को मारने की थी। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि जंग के दौरान ऐसा कोई मौका नहीं आया जब इस योजना को अंजाम दिया जा सके। उन्होंने कहा कि खामेनेई को मौत के घाट उतार दिया जाता लेकिन वो बंकर में छिप गए और अपने सभी कमांडर्स से संपर्क तोड़ लिया। ऐसे में इजरायल के लिए उन्हें खोज पाना मुश्किल हो गया था।


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