पहलगाम हमले के बाद दिल्ली में हाई-लेवल बैठकों का दौर, पाकिस्तान के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की तैयारी तेज कर दी है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। आतंकियों ने लोगों की धार्मिक पहचान पूछने के बाद बेरहमी से उनकी हत्या कर दी थी। आज दिल्ली में 4 अहम बैठकें होने जा रही हैं जिससे पता चलता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। इन बैठकों में पाकिस्तान पर सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक कार्रवाई का खाका तैयार किया जाएगा।
होने वाली 4 अहम बैठकें
1: कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक
यह पहलगाम हमले के बाद CCS की दूसरी बैठक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुबह 11 बजे होने वाली इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल होंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करना और पाकिस्तान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई की रणनीति पर चर्चा करना है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सशस्त्र बलों को कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी छूट देने पर विचार किया जाएगा।
2: कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स की बैठक
CCS के बाद होने वाली कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स यानी कि CCPA की बैठक में राजनीतिक प्रभावों और कार्रवाई के असर पर चर्चा होगी। इस बैठक में भी प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता होगी, और इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सहित कई अन्य वरिष्ठ मंत्री शामिल होंगे। इस बैठक में भारत की कार्रवाई के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभावों पर विचार-विमर्श होगा।
3: कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक
तीसरी बैठक आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की होगी, जिसमें पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा होगी। भारत पहले ही उरी और पुलवामा हमलों के बाद पाकिस्तान को आर्थिक रूप से कमजोर करने में सफल रहा है। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य मंत्री शामिल होंगे। बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ नए आर्थिक प्रतिबंधों और व्यापारिक उपायों पर विचार किया जाएगा।
4: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक
दिन की आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण बैठक केंद्रीय कैबिनेट की होगी, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का अंतिम ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा। इस बैठक में सभी मंत्रियों की मौजूदगी में सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक रणनीतियों को मंजूरी दी जाएगी। बता दें कि भारत एक तरफ जहां सैनिक तैयारियों में जुटा है तो वहीं डिप्लोमेसी में भी पूरा जोर लगा हुआ है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को 9 देशों के विदेश मंत्रियों से फोन पर बात की है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत ने आतंकवाद के आकाओं को कड़ा जवाब देने का मन बना लिया है।
पहलगाम हमले के बाद भारत का रुख
पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। इस हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ा गया है, जिसके बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए हैं। 23 अप्रैल को हुई पहली CCS बैठक में भारत ने निम्नलिखित फैसले लिए थे:
- इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित करना: 1960 की संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
- अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: एकीकृत जांच चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।
- पाकिस्तानी राजनयिकों पर कार्रवाई: पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित किया गया और उन्हें एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
- SAARC वीजा रद्द: पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना रद्द कर दी गई, और भारत में मौजूद ऐसे नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का निर्देश दिया गया।
सरकार की रणनीति और सेना को खुली छूट
मंगलवार को हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूर्ण स्वतंत्रता देने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। हमें भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा विश्वास है। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करे।’ इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी मौजूद थे।