सीएम योगी के आदेश के बाद अपने शहर लौटे 400 से ज्यादा मजदूर, अभी 14 दिनों तक परिवार से रहेंगे दूर
सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, जम्मू आदि राज्यों में फंसे मजदूरों को सहारनपुर जिले में लाया गया। शनिवार शाम तक ऐसे 400 से ज्यादा मजदूरों को हरियाणा और यूपी रोडवेज बसों के माध्यम से यहां लाने के बाद पिलखनी स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन के मेजर सेंटर में आश्रय दिया गया। यहां 14 दिन के क्वारंटीन पीरियड के बाद उन्हें जिले में विभिन्न क्षेत्रों में उनके घरों में भेजा जाएगा।
डीएम अखिलेश सिंह और एसएसपी दिनेश कुमार ने पहुंचकर यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अधिकारियों ने यह भी बताया कि यहां आश्रय स्थल पर कोरोना संक्रमण नियंत्रण के लिए प्रशिक्षित किए गए पुलिस कर्मचारियों को भेजा जाएगा। उनकी भी निगरानी रहेगी।
बॉर्डर पर हुई बसों की चेकिंग
यूपी हरियाणा बॉर्डर पर शाहजहांपुर चौकी पर बसों की चेकिंग की गई। यहां से गुजरने वाले मजदूरों का विवरण दर्ज किया गया। इसके बाद बसें आश्रय स्थल तक पहुंची।
बच्चों संग पहुंचे कई परिवार
हरियाणा के यमुनानगर, अंबाला और अन्य जगह से आए वसीम, आरिफ, महताब आदि के परिवार भी यहां पहुंचे। इन लोगों ने बताया कि वे यहां गंगोह, नकुड़ और तीतरो क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्हें घर लौटने की बहुत खुशी हो रही है। फिलहाल बताया गया है कि उन्हें दो सप्ताह यहां आश्रय स्थल पर रहना होगा। ये लोग हरियाणा में स्टील, लोहा, कपड़ा आदि की फैक्ट्रियों में काम करते थे।
जिले में रहकर घर से अभी रहेंगे दूर
हरियाणा और पंजाब के शहरों से पहुंचे आदित्य, सन्नी, अरबाज, सुकेश आदि ने बताया कि वे जिले में तो पहुंच गए हैं। मगर यहां रहकर भी अभी अपने घरों से दूर रहना होगा। यहां मेडिकल स्क्रीनिंग और क्वारंटीन पीरियड पूरा करके ही भेजने की बात उनसे कही गई है।
डीएम, एसएसपी ने पहुंचकर ली जानकारी
कई राज्यों से लौट रहे मजदूरों और यहां की व्यवस्थाओं को जानने पहुंचे डीएम अखिलेश सिंह और एसएसपी दिनेश कुमार ने यहां आए लोगों के बारे में जानकारी ली। साथ ही पूछा कि रास्ते में कोई परेशानी तो नहीं हुई। सभी मजदूरों की चेकिंग के बाद ही घरों तक छोड़ने के निर्देश दिए गए।
पहले से भी हैं बिहार और अन्य राज्यों के मजदूर
राधा स्वामी सत्संग भवन के मेजर सेंटर में पहले से भी बिहार और अन्य राज्यों के 80 से अधिक मजदूर हैं। इनके अलावा यहां यूपी के कई जिलों के 900 से अधिक मजदूर थे। इन मजदूरों को पूर्व में ही रोडवेज बसों से कई जिलों को भेजा गया था। अब यहां दूसरे राज्यों से जिले के क्षेत्रों में रहने वाले मजदूर हो।