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कर्तव्य भवन 3 के उद्घाटन के बाद PM मोदी का संबोधन, बोले- यहीं से राष्ट्र की दिशा होगी तय

कर्तव्य भवन 3 के उद्घाटन के बाद PM मोदी का संबोधन, बोले- यहीं से राष्ट्र की दिशा होगी तय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन- 03 बिल्डिंग का उद्घाटन किया। इसके बाद शाम में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्रांति का महीना अगस्त है, और 15 अगस्त से पहले ये ऐतिहासिक अवसर, हम एक के बाद एक आधुनिक निर्माण से जुड़ी उपलब्धियों के साक्षी बन रहे हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “कर्तव्य पथ, नया संसद भवन, नया रक्षा भवन, भारत मंडपम, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और अब कर्तव्य भवन- ये सिर्फ साधारण इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं। यहां विकसित भारत की नीतियां बनेंगी और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। आने वाले समय में यहीं से राष्ट्र की दिशा तय होगी।”  प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने बहुत विचार-विमर्श के बाद इस भवन को ‘कर्तव्य भवन’ नाम दिया। कर्तव्य पथ, कर्तव्य भवन नाम हमारे लोकतंत्र, संविधान के मूल मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं।”

“दायित्व तक सीमित नहीं कर्तव्य”

प्रधानमंत्री ने कहा, “कर्तव्य शब्द भारतीय संस्कृति में केवल दायित्व तक सीमित नहीं है। यह हमारे देश के कर्म प्रधान के मूल में निवास है। इसलिए कर्तव्य ये सिर्फ इमारत का नाम भर नहीं है। ये करोड़ो देशवासियों के सपनों को साकार करने की तपोभूमि है। कर्तव्य ही आरंभ है। हर जीवन में जोत जला दे वो इच्छा शक्ति है कर्तव्य। मां भारती की प्राण उर्जा का वाहक है कर्तव्य।

उन्होंने कहा, “21वीं सदी के भारत को आधुनिक सुविधाएं भी चाहिए। ऐसे भवन भी चाहिए जहां कर्मचारी सहज हों, फैसले तेज हों और सेवाएं सुगम हों। इसलिए कर्तव्य पथ के आस-पास कर्तव्य भवन जैसी एक विशाल इमारत तैयार की जा रही है। ये पहला कर्तव्य भवन का निर्माण हुआ है। अभी कई भवनों का निर्माण हो रहा है। इससे ऑफिस नजदीक-नजदीक हो जाएंगे। कर्तव्य भवन में भी रूफ टॉप पर सोलर पैनल लगाया गया है।”

“कई मंत्रालय दिल्ली में 50 अलग-अलग स्थानों से संचालित”

कर्तव्य भवन के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “इन प्रशासनिक भवनों की कार्य-स्थितियां बहुत खराब थीं। भारत सरकार के कई मंत्रालय दिल्ली में 50 अलग-अलग स्थानों से संचालित हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश मंत्रालय किराए के भवनों में चल रहे हैं, जिन पर सालाना डेढ़ हजार करोड़ रुपये का खर्च आता है। यह राशि केंद्र सरकार सिर्फ किराया चुकाने में खर्च कर रही है। कई और कर्तव्य भवन भी बनाए जा रहे हैं।”

“देश का कोई भी कोना विकास से अछूता नहीं”

पीएम मोदी ने कहा, “हमारी सरकार एक हॉलिस्टिक विजन के साथ देश के निर्माण में जुटी है। आज कोई भी देश का कोना विकास से अछूता नहीं है। देश में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन भी बने हैं। गरीबों के लिए 4 करोड़ से ज्यादा पक्के घर भी बनाए गए हैं। देश में 300 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज भी बनाए गए हैं। देश में 1300 से ज्यादा नए अमृत भारत रेवले स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं। करीब 90 एयरपोर्ट भी नजर आती है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे कि अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे से जुड़े हैं। जब कोई सरकार अपने कर्तव्यों को गंभीरता से पूरा करती है, वो गवर्नेंस में भी नजर आता है। पिछला एक दशक देश में गुड गवर्नेंस का दशक रहा है।

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