शशि थरूर के गुस्से के बाद कोलंबिया को अपना बयान लेना पड़ा वापस, कर रहा था पाक की तरफदारी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार द्वारा अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों को दुनियाभर के दौरे पर भेजा गया है, ताकि पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर अलग-थलग किया जा सके। इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबिया की यात्रा पर है। कोलंबिया की सरकार द्वारा पाकिस्तान में मारे गए आतंकवादियों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई थी, जिसपर शशि थरूर ने नाराजगी जताई थी। शशि थरूर ने कहा था, “हम कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़े निराश हैं, जिसने आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति दिखाने के बजाय भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई जानमाल की हानि पर संवेदना व्यक्त की।” शशि थरूर की नाराजगी के बाद कोलंबिया की सरकार ने अपना बयान वापस ले लिया है।
क्या बोले शशि थरूर?
बता दें कि शशि थरूर के नेतृत्व में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट के दूसरे आयोग के सदस्यों के साथ प्रतिनिधिमंडल ने बैठक की। इस दौरान शशि थरूर ने कहा, “हमें अभी भी महात्मा गांधी की भूमि से होने पर गर्व है। उन्होंने हमें अहिंसा और शांति का महत्व सिखाया और हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष का नेतृत्व भी किया और उन्होंने हमें अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने और भय से मुक्ति का महत्व सिखाया। हम स्वतंत्र रहेंगे और हम भय में नहीं रहेंगे। हम ताकत के साथ रहेंगे और यही हम चाहते हैं कि आप (कोलंबिया) समझें।” कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘हमने विदेश मंत्रालय के सदस्यों से मुलाकात की, जहां उप मंत्री ने हमारा स्वागत किया। हमारे पास कुछ अच्छी खबर है कि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है, जिसे लेकर पहले हमें निराशा हुई थी।
डेलीगेशन भेजने के पीछे का मकसद?
इसके बाद जब भारतीय सेना ने पलटवार करना शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह हो गए, जिसके बाद पाकिस्तान घुटनों के बल आ गया। इसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क करके सीजफायर का प्रस्ताव रखा। सीजफायर पर सहमति बन गई लेकिन भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि आगे सिर्फ पाकिस्तान से पीओके और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बात होगी। दरअसल भारतीय डेलीगेशन को दुनियाभर में भेजने के पीछे का मकसद है पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर अलग-थलग करना।
दरअसल डेलीगेशन आतंकवाद के मुद्दे पर दुनियाभर में पाकिस्तान की पोल खोल रहा है ताकि पाकिस्तान को समर्थन ना मिले। साथ ही पाकिस्तान को वापस FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए, ताकि पाकिस्तान को फंड्स ना मिले और मिले भी तो उसपर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी हो, ताकि पाकिस्तान आतंकवाद का वित्तपोषण ना कर सके। साथ ही आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान पर लगाम लगाई जा सके।