शरद पवार के बाद NCP में लगी इस्तीफों की झड़ी, जितेंद्र आव्हाड समेत कई नेताओं ने अपना पद छोड़ा

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को यह कहकर सबको चौंका दिया कि उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। हालांकि, पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शरद पवार से फैसले को वापस लेने की मांग की। इस बीच शरद पवार पार्टी पदाधिकारियों से मिलने के लिए यशवंतराव चव्हाण सेंटर पहुंचे, लेकिन इस बीच जितेंद्र आव्हाड समेत कई नेताओं ने अपना पद छोड़ दिया है।
#WATCH | NCP chief Sharad Pawar reaches YB Chavan Centre in Mumbai. pic.twitter.com/454XutFQmy
कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे शरद पवार
एनसीपी के एक पदाधिकारी ने बुधवार को कहा कि शरद पवार हमेशा की तरह यहां यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक पार्टी कार्यकर्ताओं सहित लोगों से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा एनसीपी नेता अजित पवार भी यशवंतराव चव्हाण पहुंचे।
#WATCH | NCP leader Ajit Pawar reaches YB Chavan Centre in Mumbai. pic.twitter.com/SwLiXGxfWV
जितेंद्र आव्हाड समेत कई नेताओं ने अपना पद छोड़ा
एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने कहा कि मैंने राष्ट्रीय महासचिव के अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और मैंने अपना इस्तीफा शरद पवार को भेज दिया है। उन्होंने बताया कि पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की पवार की घोषणा के बाद ठाणे एनसीपी के सभी पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दे दिया है।
शरद पवार ने की NCP का अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा
दरअसल, शरद पवार ने मंगलवार को कहा था कि वह NCP के प्रमुख पद से इस्तीफा दे रहे हैं। पवार ने NCP की स्थापना साल 1999 में की थी। उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने का एलान किया है। हालांकि, पवार के एक कार्यक्रम में की गई इस घोषणा से पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया और इस दौरान उन्होंने पवार से फैसला वापस लेने की मांग की।
अपने फैसले पर सोचने के लिए उन्हें कुछ दिन चाहिए- अजित
एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा कि उनके चाचा को अपने फैसले पर सोचने के लिए उन्हें दो-तीन दिन का वक्त चाहिए। पार्टी कार्यकर्ताओं को शरद पवार के संदेश से अवगत कराते हुए उनके भतीजे अजित पवार ने NCP पदाधिकारियों से आग्रह किया कि वे शरद पवार के इस अप्रत्याशित फैसले के विरोध में अपने पदों से इस्तीफा नहीं दें।