10 साल बाद कनाडा पहुंचे पीएम मोदी, G7 समिट में ग्लोबल लीडर्स से करेंगे मुलाकात; इन मुद्दों पर होगी चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के कैलगरी पहुंच गए हैं, जहां वे जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. यह दौरा खास इसलिए भी है क्योंकि लगभग एक दशक के बाद पीएम मोदी कनाडा की यात्रा पर हैं, और यह उनकी कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ पहली मुलाकात भी है.
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कैलगरी पहुंच गया हूं. विश्व के नेताओं से बातचीत करूंगा और वैश्विक मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण साझा करूंगा. साथ ही, ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को भी प्रमुखता से रखूंगा.” गौरतलब है कि ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द आम तौर पर उन विकासशील या उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रयोग किया जाता है जो अक्सर वैश्विक नीति निर्माण में कम प्रतिनिधित्व पाती हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति
यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था. जी-7 मंच प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक अवसर है कि वे वैश्विक सुरक्षा, ऊर्जा नीति, तकनीकी नवाचार और निवेश जैसे मुद्दों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखें.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे, जिनमें ऊर्जा सुरक्षा, तकनीकी साझेदारी, बुनियादी ढांचे के विकास और निवेश जैसे विषयों पर गहन चर्चा होगी.
भारत-कनाडा संबंधों में नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत-कनाडा संबंधों के लिए एक नई शुरुआत की तरह देखा जा रहा है. हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी और भारत ने अपने कई राजनयिकों को वापस बुला लिया था. लेकिन अब कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है. दोनों देशों के सुरक्षा अधिकारियों ने हाल के महीनों में फिर से संवाद शुरू किया है और राजनयिक स्तर पर भी सहयोग को पुनः स्थापित करने पर विचार हो रहा है.
जी-7 सम्मेलन: विश्व मंच पर भारत की उपस्थिति
जी-7 सम्मेलन उन सात विकसित देशों – अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा – का एक वार्षिक मंच है जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा होते हैं. यूरोपीय संघ भी इस समूह का हिस्सा है. इस वर्ष यह सम्मेलन अल्बर्टा प्रांत के कनैनिस्किस में आयोजित हो रहा है और प्रधानमंत्री मोदी की यह लगातार छठी उपस्थिति है.