Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर क्या होगा भारत का कदम? केंद्र सरकार ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक

Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर क्या होगा भारत का कदम? केंद्र सरकार ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक
  • Afghanistan Crisis: केंद्र सरकार ने गुरुवार सुबह 11 बजे यह सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें अफगानिस्तान के ताज़ा हालात पर चर्चा करेगी और तालिबान को लेकर आगे के कदम पर सभी दलों के साथ विचार-विमर्श करेगी.

नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद उभरे हालात को लेकर विदेश मंत्रालय ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. यह बैठक गुरुवार को सुबह 11 बजे बुलाई गई है. बैठक में सरकार अफगानिस्तान के ताजा हालात पर चर्चा करेगी और तालिबान को लेकर आगे के कदम पर सभी दलों के साथ विचार-विमर्श करेगी. संसद के दोनों सदनों के पार्टी नेताओं को विदेश मंत्रालय पूरी जानकारी देगा. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय से कहा था कि वह अफगानिस्तान में हुए घटनाक्रम की जानकारी संसद में राजनीतिक दलों के नेताओं को दे.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बारे में ट्वीट कर बताया था, ‘अफगानिस्तान में घटनाक्रम के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने आदेश दिया है कि संसद में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को पूरी जानकारी दी जाए. इस संबंध में आगे की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी देंगे.’ माना जा रहा है कि इस मीटिंग में सरकार सभी राजनीतिक दलों को अफगानिस्तान में हुए घटनाक्रम की जानकारी देगी. इसके अलावा अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं, इस बारे में भी बताया जाएगा.

180 नागरिकों की आज होगी वापसी
वहीं काबुल से विदेशी लोगों को निकालने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. भारत भी वहां से अपने नागरिकों को निकालने के अभियान में जुटा है. गुरुवार को भी वायु सेना के विमान से काबुल से 180 लोगों के स्वदेश पहुंचने की उम्मीद है. लोगों के निकासी अभियान से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों को वापस लाया जाएगा उनमें भारतीय नागरिकों के साथ ही अफगान सिख और हिंदू भी शामिल होंगे. सूत्रों ने यह भी बताया कि काबुल से 180 लोगों के लेकर वायु सेना का विमान के गुरुवार सुबह ही नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है. भारत ‘आपरेशन देवी शक्ति’ के तहत अब तक अफगानिस्तान से 800 से ज्यादा लोगों को वापस ला चुका है. इनमें भारतीय नागरिक के साथ ही अफगान और नेपाली नागरिक भी शामिल हैं.