न्याय शुल्क में वृद्धि के खिलाफ अधिवक्ताओं ने जिला जज को सौंपा ज्ञापन

- सहारनपुर में जिला जज को ज्ञापन सौंपने जाते अधिवक्ता।
सहारनपुर। सहारनपुर अधिवक्ता एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्यायालय शुल्क में की गई वृद्धि व उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किराएदारी विनियमन अधिनियम 2021 लागू किए जाने के विरोध में न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सम्बोधित ज्ञापन जिला जज को सौंपकर न्यायालय शुल्क में की गई वृद्धि को अविलम्ब वापस लिए जाने की मांग की।
सहारनपुर अधिवक्ता एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष अशोक कुमार पुंडीर व महासचिव नितिन कुमार शर्मा के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्यायालय शुल्क में वृद्धि किए जाने के विरोध में न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सम्बोधित ज्ञापन जिला जज को सौंपा। इस दौरान अध्यक्ष अशोक कुमार पुंडीर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्यायालय शुल्क में वृद्धि किए जाने से आम जनता को सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाने के सिद्धांत को एक तरह से समाप्त ही कर दिया गया है। इससे वादकारियों को विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है तथा वह सुविधापूर्वक मुकदमा लडऩे से वंचित हो रहे हैं।
अधिवक्ताओं का कहना था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने रेंट कंट्रोल अधिनियम संख्या-13 1972 को निरस्त कर उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किराएदारी विनियमन अधिनियम 2021 लागू किया गया है। इस नए अधिनियम में वादों की सुनवाई का क्षेत्राधिकार अपर जिलाधिकारी को दे दिया गया है जिससे वादकारियों को न्याय मिलने की सम्भावना पूरी तरह समाप्त हो गई है। उनका कहना था कि पूर्व में लागू अधिनियम संख्या-13 सन् 1972 में भी किराया प्राधिकारी नियुक्त करने का क्षेत्राधिकार जिलाधिकारी को दिया गया था जो व्यवहारिक रूप से उचित नहीं था। इस कारण किराया सम्बंधी वादों का निस्तारण नहीं हो पा रहा था तथा आम जनता को कठिनाई हो रही थी। उन्होंने न्याय शुल्म में की गई वृद्धि को वापस लेने तथा नए किराएदारी अधिनियम को भी वापस लेने की मांग की।
ज्ञापन सौंपने वालों में महासचिव नितिन कुमार शर्मा, रामपाल सिंह वर्मा, अभय अग्रवाल, अनुज कुमार, इंद्रपाल सिंह, वरूण सिंघल, निशा शर्मा, सदाकत उल्ला खान, प्रीति सैनी, कु. सदफ, जमाल साबरी, अमरीश पुंडीर सहित भारी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।