कांवड़ यात्रा में उपद्रव करने वालों पर होगी कार्रवाई, चस्पा होंगे पोस्टर, सीएम योगी ने कांवड़ियों को किया सतर्क

मेरठ। गगन में गूंजता ‘हर-हर महादेव’। कांधे पर गंगाजल …पांवों में आस्था की गति और माथे पर भक्ति की ललकार लिए कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर मेरठ की धरती पर पहुंच रहे हैं। पूरा वातावरण शिवमय हो चुका है।
आस्था के सैलाब के बीच रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुष्पवर्षा कर शिवभक्तों का अभिनंदन किया। यात्रा की गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने का संदेश दिया।
कहा कि इस पवित्र यात्रा को कुछ उपद्रवी झगड़ा करके उसकी रील बनाकर इंटरनेट मीडिया पर बदनाम करना चाहते हैं। इन उपद्रवियों को चिन्हित कर लिया है। यात्रा के बाद उनके पोस्टरों को सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जाएगा। कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली-देहरादून हाईवे स्थित दुल्हेड़ा चौकी पर बने मंच से कांवड़ियों पर करीब 11 मिनट तक पुष्प वर्षा की। पत्रकारों से वार्ता में कहा कि कांवड़ यात्रा सामाजिक समता का उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। इसमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सब शामिल हैं।
कांवड़ियों को आगाह किया कि उनके बीच उपद्रवी किसी भी वेश में छिपे हो सकते हैं। जिनका षडयंत्र सफल न होने पाए। कांवड़ियों से अपील है कि वह कानून हाथ में न लें। यदि कोई उपद्रव करता है तो पुलिस प्रशासन को सूचना दें।
ऐसे उपद्रवियों की पहचान के लिए बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। सरकार की ओर से पूरे इंतजाम कांवड़ियों की रक्षा और सेवा करने के लिए किए गए हैं। यातायात व्यवस्था ऐसी की गई है कि आमजन को भी परेशानी का सामना न करना पड़े।
इससे पहले योगी ने गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में रुद्राभिषेक किया तो मुजफ्फरगर-मेरठ कांवड़ मार्ग पर हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की। योगी ने स्वच्छता का संदेश देते हुए कहा कि सड़क, चौराहे, सार्वजनिक स्थानों को गंदा न करें।
पश्चिम के तीन मंदिरों के योगी ने लिए नाम
योगी ने कहा कि कांवड़ियों से कहा कि अब शिवरात्रि को समय अधिक नहीं है। इसलिए जल्दी अपने गंतव्य को जाए और मेरठ में बाबा औघड़नाथ, बागपत में पुरा महादेव और गाजियाबाद के दुग्धेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक करें।
अब की सरकार ने दी कांवड़ियों को खुली छूट
सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले की सरकारें कांवड़ यात्रा पर पाबंदी लगाती थी। यात्रा को पूरा नहीं होने देती थी। अब की सरकार ने खुली छूट दी हुई है, इसलिए कांवड़ियों का भी फर्ज बनता है कि इस आस्था को शांति और धैर्य के साथ चलाए।