रूपनगर। रविवार रात रूपनगर के गुरुद्वारा भट्ठा साहिब के निकट मालगाड़ी ट्रैक पर चढ़े लावारिस सांडों के झुंड की वजह से पलट गई। हादसे में 56 में से 16 बोगियों का बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है। बोगियों एक दूसरे के ऊपर जा चढ़ी। रेल ट्रैक भी बाधित हो गया है और ट्रैक पर लगे बिजली की तारों और खंभों का भी नुकसान हुआ है। चार बिजली के खंभे टूट गए।

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हादसा रात सवा बारह बजे के करीब हुआ है। उसके बाद रेलवे ट्रैक बाधित होने की वजह से रूपनगर रेलवे स्टेशन पर कोई भी गाड़ी नहीं आ सकी। रेल ट्रैक पर आने जाने वाली चार पैसेंजर गाड़ियां रद की गई हैं। जबकि इस ट्रैक पर आने जाने वाली अन्य मालगाड़ियां स्थगित की गई हैं।

दुर्घटनाग्रस्त होने वाली मालगाड़ी से पहले इसी रेलवे ट्रैक से दिल्ली के लिए सवारी गाड़ी रवाना हुई थी। अगर ये हादसा सवारी गाड़ी के साथ घटता तो बड़ा जानी नुकसान हो सकता था। मालगाड़ी खाली थी और थर्मल प्लांट रूपनगर में कोयला उतारकर वापस लौट रही थी।

हादसे की सूचना के बाद अंबाला रेलवे डिवीजन के डीआरएम गुरिंदर मोहन सिंह ने हादसा स्थल का दौरा किया। उनकी टीम ने नुकसान का आंकलन किया। मौके पर अधिकारियों ने बताया कि सोमवार सायं पांच बजे तक रेलवे ट्रैक को चलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पहाड़ों पर गर्मी बढ़ने के कारण वन्य जीवों का रुख शहर की तरफ बढ़ा

नंगल। बढ़ती जा रही गर्मी के चलते समीपवर्ती शिवालिक पहाड़ियों के वन्य जीव प्यास बुझाने के लिए शहर की तरफ आ रहे हैं। जंगलों में सूख चुके जल स्नोतों के चलते अनगिनत वन्य प्राणी नंगल शहर में झील व नहरों पर रात के समय देखे जा रहे हैं। झील किनारे मौसम काफी ठंडा है और पानी भी बेशुमार मात्र में है। इस कारण जंगली जीव वापस जंगल की तरफ जाने के बजाय झील के आसपास ही बने जंगलनुमा इलाके में शरण ले चुके हैं। नया नंगल क्षेत्र की बात करें तो रात 11 बजे के बाद सांभर, बारहसिंघा, नील गाय, कक्कड़ जैसे जानवर झुंड के रूप में सड़कों पर भागते हुए देखे जा रहे हैं। इन जानवरों की वजह से शहर में कई हादसे भी हो चुके हैं। यह जानवर नहरों में डूबकर तथा सड़क व रेल मार्गो के बीच आकर हादसों में दम भी तोड़ रहे हैं।