एबीवीपी ने मांगों के समाधान को लेकर कुलपति के सचिव को सौंपा ज्ञापन

- सहारनपुर में मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय के कुल सचिव को ज्ञापन सौंपते अभाविप पदाधिकारी।
सहारनपुर [24CN]। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने मां शाकुंभरी देवी विश्वविद्यालय के कुलपति को संबोधित ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव को सौंपकर विवि में यूजी प्राइवेट (व्यक्तिगत) प्रथम वर्ष के प्रवेश फॉर्म खोलने की मांग की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े पदाधिकारी महानगर मंत्री वन्दन कौशिक के नेतृत्व में मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय पहुंचे जहां उन्होंने विश्वविद्यालय के सचिव को ज्ञापन सौंपकर बताया कि सत्र 2021-22 में शासन द्वारा सहारनपुर जिले में मां शाकुंभरी देवी विश्वविद्यालय की स्थापना की तथा सहारनपुर मंडल के सभी डिग्री कॉलेजो को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से हटा करके मां शाकुंभरी देवी विश्वविद्यालय, सहारनपुर से संबंध कर दिया है, किंतु ऐसा करने से कई प्रकार की शैक्षिक समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जिसमें विश्विद्यालय द्वारा अभी तक यू.जी. प्राइवेट (व्यक्तिगत) प्रथम वर्ष के प्रवेश फॉर्म ना खोले जाना प्रमुख समस्या है, जिसके समाधान अत्यंत आवश्यक है।
जिला संयोजक आशु वालिया ने बताया कि सहारनपुर मंडल के अधिकांश सरकारी डिग्री कॉलेजों में संस्थागत (रेगुलर) की स्नातक की सीटे बहुत कम होती है, इसी कारण से 80 प्रतिशत छात्र प्राइवेट कोर्स पर ही अपनी स्नातक की शिक्षा पूर्ण करने हेतु निर्भर करते हैं। उन्होंने बताया कि सत्र 2021-22 हेतु मां शाकुंभरी देवी विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक स्नातक (प्राइवेट) प्रथम वर्ष के प्रवेश फार्म नही खोले गए है, जिससे सहारनपुर मंडल की हजारों छात्रों का यह साल खराब होता दिखाई दे रहे है, जो कतई भी सही नहीं है।
महानगर मंत्री वन्दन कौशिक ने कहा की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्विद्यालय प्रशासन से यह मांग करती है की छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द यू.जी. (प्राइवेट) प्रथम वर्ष के प्रवेश फार्म खोलने सुनिश्चित करे, जिससे सहारनपुर मंडल के हजारों छात्रों का भविष्य बच सके, अन्यथा विद्यार्थी परिषद छात्र हितों में हर आवश्यक कदम उठाने को तत्पर एवं तैयार है। ज्ञापन सौंपने वालों में वरिष्ठ छात्र नेता मोहित पंडित, महानगर विस्तारक दिवाकर, प्रथम वत्स, प्रियांक पंडित, दुष्यंत चौधरी, शिवा आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।