झूठ का परित्याग व सत्य को स्वीकार करना ही उत्तम सत्य धर्म
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- श्री आदिनाथ दिगबंर जैन मंदिर मे पूजा अर्चना करते श्रद्धालु
नकुड 22 सितंबर इंद्रेश। झूठ का त्याग कर जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना तथा उसे वैसा ही प्रस्तुत करना उत्तम सत्य धर्म है। सत्य धर्म का अनुसरण करने वाला भवसागर पार कर जाता है।
नगर श्री आदिनाथ दिगबंर जैन मंदिर मे चल रहे पर्यूषण पर्व के चैथे दिन उत्तम सत्य धर्म की पूजा अर्चना की गयी। साथ ही भगवान पारसनाथ व पुष्पदंत भगवान को 108 अर्घ समर्पित किये गये। इस मौके पर स्वाध्याय मंडल की नीलम जैन ने कहा कि झूठ का का परित्याग करके सत्य को स्वीकार करना ही उत्तम सत्यधर्म है। इससे पूर्व रात्री मे मंदिर में धार्मिक अंताक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे विजेताओ को पुरूष्कृत किया गया। रात्री तक जेआकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।
जैन मिलन द्वारा आयोजित लक्की डरा प्रतियोगिता में अंजली जैन, सिद्धार्थ जैन, व मनीषा जैन विजेता रहे। जबकि धार्मिक अंताक्षरी प्रतियोगिता में राजीव जैन, राजेष जैन पकंज जैन, वर्धन जैन, संजय जैन, विवेक जैन, नीलम जैन, राजेश जैन राजू, अवनीश जैन, सुनील, शिवम मुकेश, निशा, सारिका, बीना नियति सरिता, अंजलि, राखी, शिवांगी, आस्था, आदि ने भाग लिया।