AAP की हार: हरियाणा में खाता तक खोलना मुश्किल, बड़े दावे फेल

AAP की हार: हरियाणा में खाता तक खोलना मुश्किल, बड़े दावे फेल

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थिति निराशाजनक साबित हुई है। मतगणना के दौरान अब तक सामने आए रुझानों में बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर चल रही है, जबकि AAP का प्रदर्शन बेहद खराब है। पार्टी का खाता तक नहीं खुला है। चुनाव प्रचार के दौरान AAP ने दावा किया था कि हरियाणा में उनके बिना सरकार बनाना मुश्किल होगा, लेकिन नतीजे इसके उलट दिख रहे हैं। पार्टी का अब तक कोई उम्मीदवार बढ़त हासिल नहीं कर पाया है।

गठबंधन की विफलता से दोनों दलों को नुकसान

AAP ने हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कांग्रेस ने इससे साफ इनकार कर दिया। बताया जाता है कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता AAP के साथ गठबंधन के खिलाफ थे। इस असफल गठबंधन के चलते दोनों ही पार्टियों को नुकसान उठाना पड़ा। AAP ने सभी 90 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा, लेकिन अब तक के रुझान से स्पष्ट है कि यह फैसला पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हुआ।

AAP को हरियाणा में जनता ने पूरी तरह नकारा

मतगणना में अब तक के रुझानों के अनुसार, AAP एक भी सीट पर आगे नहीं है। यह स्थिति दिखाती है कि हरियाणा की जनता ने पार्टी को पूरी तरह से नकार दिया है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में बढ़ती पार्टी अब हरियाणा में कमजोर पड़ती दिख रही है। पंजाब में मिली बड़ी जीत के बाद AAP ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी, लेकिन हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन बेहद कमजोर साबित हुआ है।

AAP का अब तक का सफर

AAP ने 2013 में दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार एंट्री की थी। इसके बाद पार्टी ने कई राज्यों में चुनाव लड़े, जिसमें गोवा, मध्य प्रदेश, और पंजाब शामिल हैं। पंजाब में पार्टी की बड़ी जीत के बाद AAP ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा में इस बार पार्टी का सफर निराशाजनक रहा है।


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