AAP का केंद्र सरकार पर हमला, राहुल गांधी की तरह राघव चड्ढा की सदस्यता खत्म करने की साजिश

AAP का केंद्र सरकार पर हमला, राहुल गांधी की तरह राघव चड्ढा की सदस्यता खत्म करने की साजिश

नई दिल्ली: सांसदों के फर्जी सिग्नेचर के मामले को लेकर एक प्रेसवर्ता में  आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक नई परंपरा शुरू दी है. जो भी सरकार के खिलाफ बोले उसकी सदस्यता खत्म करो, निलंबित करो, उस पर एफआईआर करो… ऐसे में लोकतंत्र का ड्रामा क्यों किया जा रहा है. देश के दूसरे नंबर के नेता और गृहमंत्री ने कहा फर्जीवाड़ा हो गया.. सिग्नेचर कहा से आ गया. अगर आप कानून जानते हैं तो सेलेक्ट कमेटी में किसी भी सदस्य द्वारा किसी भी सदस्य का नाम प्रस्तावित किया जा सकता है, इसमें किसी के भी हस्ताक्षर की जरूरत नहीं है. संजय सिंह ने कहा, उनका मकसद है कि जैसे राहुल गांधी की सदस्या खत्म की, वैसे राघव चड्ढा की सदस्यता भी खत्म कर दी जाए. लेकिन हम अरविंद केजरीवाल के सिपाही हैं. हम लोग हर हाल में लड़ना जानते हैं. इस दौरान राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि सत्ता पक्ष का  मूल मंत्र है कि एक असत्य को एक हजार बोलों और वह सत्य में तब्दील हो जाए.

इसी तरह का दुष्प्रचार मेरे खिलाफ भी किया गया. राघव चड्ढा ने राज्यसभा की रूल बुक को दर्शाया और कहा ये रूल बुक कहती कि सेलेक्ट कमेटी में कोई भी सदस्य किसी सदस्य का नाम प्रस्ता​वित कर सकता है. इस बुक में कहीं भी नहीं लिखा है कि प्रपोज मेंबर के हस्ताक्षर चाहिए. ऐसे में फर्जी हस्ताक्षर की अफवाह फैलाई जा रही है, वह सरासर झूठ है. उन्होंने केंद्र सरकार को चुनौती दी कि वह कागज सामने लेकर आएं, जहां पर किसी के हस्ताक्षर किए हों. अगर आप कह रहे हैं कि मैंने कोई कागज जमा किया है तो सामने लेकर आएं.

जब भी कोई विवादित बिल सदन के भीतर आता आता है. तो समिति गठन की प्रक्रिया तय होती है ताकि बिल में बदलाव और चर्चा हो. इस समिति में कुछ नाम  प्रस्तावित किया जाता है और जो इस समिति में शामिल नहीं होना चाहता है, वह इससे अपना नाम हटा लेता है. राघव चड्ढा ने एक उदाहरण देकर बताया कि मान लीजिए मैंने अपने जन्मदिन के लिए दस लोगों को न्योता दिया, उसमें आठ लोग इसे स्वीकार कर लेते हैं. वहीं दो लोग कहते हैं कि इनकी हिम्मत कैसे हुई हमें बुलाने की. इस दौरान राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार दुष्प्रचार कर रही है. इन्हें इस बात का दर्द है कि युवा ने संसद में कैसे सवाल पूछा. उन्होंने कहा, कोई भी सांसद नाम प्रस्तावित कर सकता है. फर्जी दस्तखत की अफवाह फैलाई जा रही है. यह पूरी तरह से गलत है. मैंने कोई नियम नहीं तोड़ा है.

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