कोर्ट में पेश नहीं हुए AAP प्रमुख केजरीवाल, टीम ऑफ एडवोकेट ने मांगे दस्तावेज

सोनीपत। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के यमुना में जहर वाले बयान पर न्यायालय में दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपस्थित होने के आदेश दिए थे, लेकिन वह कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए।उनके आने को लेकर कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ जल सेवा प्रभाग के कार्यकारी अभियंता सोनीपत जिला अदालत में केजरीवाल के खिलाफ आपदा प्रबंधन की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दी है।
17 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होने के थे आदेश
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से 29 जनवरी को सोनीपत की सीजेएम की अदालत में केजरीवाल के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 2 (डी ) और 54 के अंतर्गत याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए केजरीवाल को नोटिस भेजकर 17 फरवरी को उपस्थित होने के आदेश जारी किए थे।
सीजेएम सोनीपत की अदालत ने यह भी कहा है कि यदि केजरीवाल 17 फरवरी को उपस्थित नहीं होते हैं तो यह माना जाएगा कि उन्हें मामले में कुछ नहीं कहना और आगे की कार्यवाही कानून के अनुसार की जाएगी।
यह था मामला
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राई जल सेवा प्रभाग के कार्यकारी अभियंता आशीष कौशिक ने सोनीपत के कोर्ट में केस दायर किया था। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि 28 जनवरी को यमुना नदी से सटे आसपास के गांवों के लोगों की एक भीड़ सिंचाई विभाग के परिसर में एकत्र हुई और पूछताछ करने लगी कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में जहर क्यों डाला है? इस जहर से कई लोगों और जानवरों की मौत हो सकती है।
केजरीवाल का वीडियो आया था सामने
जब लोगों से पूछा गया कि उनकी जानकारी का स्रोत क्या है? इस पर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो दिखाई, जिसमें अरविंद केजरीवाल यह बयान देते नजर आ रहे थे कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी के पानी में जहर मिला दिया है। जिसके बाद उनकी तरफ से केस दायर किया गया था।