नई दिल्ली । देश के किसान का साथ देना हर भारतीय का फर्ज है। हमने कोई एहसान नहीं किया। देश के किसानों के प्रति अपना फर्ज निभाया है। किसान अपराधी नहीं है, आतंकवादी नहीं है, वो हमारा अन्नदाता है। यह बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट करके कही। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में दिल्ली कैबिनेट की बैठक हुई। अरविंद केजरीवाल कैबिनेट ने केंद्र सरकार के दबाव के बावजूद दिल्ली पुलिस के वकीलों के पैनल को खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने फैसला किया है कि दिल्ली सरकार के वकील ही कृषि कानून विरोधी आंदोलन से जुड़े मामलों में लोक अभियोजक होंगे। एक और बड़ा फैसला करते हुए अरविंद केजरीवाल कैबिनेट ने केंद्र के वकीलों को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में पेश होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

दिल्ली कैबिनेट का कहना है कि अभियोजन और जांच एजेंसी के बीच स्वतंत्रता हमारी उस आपराधिक न्याय प्रणाली का आधार है, जैसा कि सर्वाेच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के कई निर्णयों द्वारा स्थापित किया गया है। उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के निर्णयों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी अनुच्छेद 239 एए (4) को केवल ‘अत्यंत दुर्लभ मामलों’ में लागू कर सकते हैं। विशेष लोक अभियोजकों की बार-बार नियुक्तियां इस श्रेणी में नहीं आ सकती। जांच एजेंसी और अभियोजक सेवा के बीच भेद बनाए रखना जरूरी है।

दिल्ली पुलिस के वकीलों को किसानों के खिलाफ मामलों में लड़ने नहीं दे सकते। दिल्ली सरकार चाहती है कि सरकारी वकीलों का मौजूदा पैनल किसानों के विरोध में दर्ज मामलों और दिल्ली दंगों के मामलों में पेश हों। केजरीवाल के नेतृत्व में कैबिनेट द्वारा लिए गए दोनों फैसले अब एलजी को भेजे जाएंगे।

दिल्ली सरकार के वकीलों की हो चुकी तारीफ

दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली के गृहमंत्री के बीच कुछ दिनों पहले एक वर्चुअल बैठक हुई थी। इसमें उपराज्यपाल ने भी स्वीकारा किया था कि दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए लोक अभियोजक बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और बहुत काबिल हैं। दिल्ली सरकार के वकील अच्छे से केस लड़ रहे हैं। दिल्ली सरकार के वकीलों के खिलाफ कोई शिकायत भी नहीं है।