शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड एनवायरमेंटल साइंसेज विभाग द्वारा विश्व मृदा दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन
गंगोह [24CN] : दिनांक 05-12-2024 को शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड एनवायरमेंटल साइंसेज विभाग द्वारा विश्व मृदा दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमे मृदा स्वास्थ्य और टिकाऊ कृषि प्रथाओं के महत्व पर विशेष जोर दिया गया। विश्व मृदा दिवस की इस वर्ष की थीम “मिट्टी की देखभाल: मापन, निगरानी, प्रबंधन करना”रही।
कार्यक्रम का शुभारम्भ शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह विभागाध्यक्ष, डॉ. विकास कुमार और संकाय सदस्यों, डॉ. शिवानी और अभिषेक, बद्रीश तिवारी, दीपक, रोहित, नीरज, अमित और आदेश सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों द्वारा माँ सरस्वती एवं बाबू विजेंद्र कुमार जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम में छात्रों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें अमन राणा व आर्यन (बीएससी कृषि तृतीय वर्ष), साथ ही पीयूष व सौरभ (बीएससी कृषि प्रथम वर्ष) का योगदान रहा और मंच का संचालन छात्र आदित्य राठी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, जलवायु परिवर्तन को कम करने और पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने में स्वस्थ मिट्टी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया अपने व्याख्यान में डॉ. महेंद्रू गौतम ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और कहा, “मिट्टी जीवन का आधार है। विश्व मृदा दिवस मनाने से हमें इस अमूल्य संसाधन से फिर से जुड़ने में मदद मिलती है और भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए इसे संरक्षित करने की हमारी प्रतिबद्धता को बल मिलता है।” कार्यक्रम का समापन धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जो टिकाऊ कृषि पद्धतियों को आगे बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय के समर्पण को दर्शाता है। सभी उपस्थित गणमान्यों व छात्रों ने प्राकृतिक संसाधन की रक्षा के लिए अपने दैनिक और पेशेवर जीवन में पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों और कार्यक्रम में सम्मिलित सभी छात्रों को अपने शुभकामना सन्देश में शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने भी कार्यक्रम के आयोजकों को अनेक शुभकामनाएं दी और कहा कि इस दिन का प्रमुख उद्देश्य मृदा संरक्षण के महत्व को समझाना और लोगों को इसके संरक्षण के उपायों के प्रति प्रेरित करना है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम मृदा का उचित उपयोग करें और उसे बचाने के लिए प्रत्येक कदम उठाएं।